जंगलों में आग,गांवों में डर

ऊना—ऊना में गर्मी के बढ़ते तापमान के बीच जंगलों में फैली आग आबादियों को डरा रही है। जिला में जंगलों में आग से वन संपदा धू-धू कर जलने लगी है। आग फैल लोगों के घरों के निकट पहुंचती जा रही है। जिसके चलते स्थानीय लोग अपनी जान बचाने व रिहायशी को बचाने के लिए मजबूर हैं। लोग जंगलों की आग को बुझाने में भी जुटे हुए हैं। अब तक दो दिनों के भीतर ही जिला भर में करीब डेढ़ दर्जन आग की घटनाएं घट चुकी हैं। जिला ऊना के बंगाणा क्षेत्र के गांव डढयार जंगल में भी चारों ओर आग फैली हुई है। जोकि आबादियों के नजदीक पहुंची है। वहीं, ऊना क्षेत्र के अंतर्गत नंगल सलांगड़ी में भी बेले के क्षेत्र में लगी आग से गांव की अधिकतर रिहायशी मकानों की ओर बढ़ गई थी। हरोली क्षेत्र के बढेड़ा में भी एक निजी संस्थान के नजदीक जंगल में भड़की आग ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। भदसाली में भी जंगल की प्रचंड आग भीष्म सिंह के पोल्ट्री फॉर्म के नजदीक पहुंच गई थी। झलेड़ा में बेला क्षेत्र में लगी आग मारूति उद्योग की खड़ी गाडि़यों के नजदीक पहुंच गई थी। वहीं, झलेड़ा में संजीव कुमार के कवाड़ के दुकान में भी आग ने पीडि़त का डेढ़ लाख का नुकसान कर डाला है। उधर, लमलैहड़ी के जंगलों में भी आग ने अपना तांडव दिखाया। लठियाणी के पनसाई क्षेत्र में भी जंगल में आग अपना रौद्र रूप दिखा चुकी है। सिंगा में भी जंगल क्षेत्र की आग आबादियों के नजदीक पहुंची है। सतरेटा में भी जंगल की लगी आग ने आबादियों में रह रहे वाशिंदों को बहुत डराया। ऊना जिला में जंगलों के नजदीक बसी आबादियां आग के खतरे की जद में आ गई हैं। सूचनाएं फायर बिग्रेड को मिल रही हैं। लेकिन जंगल क्षेत्र होने के कारण गाडि़यों का रास्ता न होने के कारण कई स्थानों पर दमकल वाहन नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं, अधिकतर स्थानों पर फायर ब्रिग्रेड का दलबल मौका पर पहुंचकर अमूल्य वन संपदा को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। वहीं, जंगलों की आग को नियंत्रित करने में स्थानीय लोग भी आगे आ रहे हैं।  उधर, जिला अगिनशमन केंद्र अधिकारी नितिन धीमान ने कहा कि आबादियों के नजदीक जंगलों की आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगे्रड  मौका पर पहुंचकर कार्रवाई करती है। वहीं, दो दिन में केंद्र कर्मियों द्वारा करीब 35 लाख की संपत्ति को आग की भेंट चढ़ने से बचाया है।