जांच के बीच वजीफे को आवेदन
एक लाख 17 हजार छात्रों ने किया अप्लाई, छात्रवृत्ति घोटाले की पड़ताल में जुटी सीबीआई
शिमला – स्कॉलरशिप घोटाले की जांच के बीच शिक्षा विभाग में स्कॉलरशिप के लिए छात्र आवेदन कर रहे हैं। अब तक एक लाख 17 हजार छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिए हैं। वर्ष 2013 से लेकर 2017 तक के दौरान प्रदेश में 250 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ था, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। इस बीच ऐसे में अब शिक्षा विभाग नई गाइडलाइन के तहत छात्रवृत्ति पर काम कर रहा है, ताकि कोई अनियमितता न हो। शिक्षा विभाग के पास इस बार लगभग एक लाख 17 हजार ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच चल रही है, जिससे शिक्षा विभाग पैसा जारी करने से पहले पूरी पड़ताल करेगा। नए नियमों के तहत अब एक बैंक खाते व एक मोबाइल नंबर पर एक ही छात्रवृत्ति का पैसा डाला जाएगा और यह बैंक अकाउंट स्कॉलरशिप पाने वाले छात्र के आधार कार्ड से लिंक्ड होना चाहिए। शिक्षण संस्थानों को पांच अधिकारियों की समिति बनानी होगी, जो छात्रों के सभी कागजात की जांच करेगी। ऐसे सभी केस को कमेटी द्वारा वैरिफाई करके सभी कागजात की हार्ड कॉपी विभाग को भेजनी होगी। इसी कमेटी में से एक अधिकारी सभी कागजातों को वैरिफाई करेगा और उसका मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर्ड होगा। इसके अलावा अब छात्रवृत्ति का पैसा संस्थान की जगह बच्चों के बैंक खाते में ही जाएगा।
छात्रों के आधार नंबरों की जांच
250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई 22 निजी शिक्षण संस्थानों में छात्रों के आधार नंबरों की जांच में जुट गई है। छात्रवृत्ति केस में आधार और मोबाइल नंबर के दुरुपयोग से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप मुख्य रूप से लगे हैं। शिक्षा विभाग की जांच में एक महिला ने बयान दिया था कि उसके आधार नंबर का दुुरुपयोग कर छात्रवृत्ति की राशि प्राप्त की गई की है। आरोप यह भी लगाया गया कि उनकी गैस की सबसिडी भी उसी खाते में जा रही है। एफआईआर के अंतर्गत प्रथम सूचना तथ्य में सीबीआई ने इसका उल्लेख किया है। इसे देखते हुए सीबीआई ने सभी 22 निजी शिक्षण संस्थानों से छात्रवृति के लिए पात्र छात्रों के आधार नंबरों की जांच के बाद कई खुलासे हो सकते हैं।
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