जीएम ने वापस ली जमानत याचिका

कंडक्टर भर्ती मामले में अधिकारी पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

शिमला —हिमाचल पथ परिवहन निगम में कंडक्टर भर्ती मामले में पथ परिवहन निगम के महाप्रबंधक हेमेंद्र गुप्ता ने शिमला की जिला एवं सत्र अदालत में दाखिल की गई अपनी अग्रिम जमानत की याचिका वापस ले ली है। जिला एवं सत्र अदालत में मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान हेमेंद्र गुप्ता के अधिवक्ता ने अदालत में उनकी अग्रिम जमानत को वापिस लेने की गुहार लगाई। अदालत से अग्रिम जमानत की याचिका वापिस लेने पर अब महाप्रबंधक गुप्ता पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। बता दें कि कंडक्टर भर्ती मामले में अदालत के आदेश पर शिमला पुलिस ने 14 मार्च, 2017 को हेमेंद्र गुप्ता समेत पांच लोगों को आरोपी बनाकर सदर थाना में एफअईआर दर्ज की। सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। यह एफआईआर बिलासपुर के न होल निवासी जय कुमार की शिकायत पर दर्ज हुई थी।  एसआईटी जांच में कथित अनियमितताएं बेनकाब होने पर एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक एचके गुप्ता को शिमला के सेशन कोर्ट से 20 मई को अंतरिम जमानत मिली थी। उल्लेखनीय है कि 24 अक्तूबर, 2003 को निदेशक मंडल की बैठक में कंडक्टरों के 300 पद भरने को मंजूरी दी गई। इनमें सामान्य वर्ग के 166, ओबीसी के 54, एससी के 66 और एसटी के 14 पद भरे जाने थे। इन पदों के लिए 17 हजार 890 आवेदन आए। 20 सितंबर, 2004 को 300 की जगह 365 पद भरे गए। 12 मई, 2005 को 13 और पद भर दिए गए। इसके बाद भर्ती पर सवाल उठने लगे। इस मामले में एचआरटीसी के महाप्रबंधक हेमेंद्र गुप्ता ने अग्रिम जमानत की याचिका वापस ले ली है। न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की अदालत में मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान हेमेंद्र गुप्ता के अधिवक्ता ने अदालत में उनकी अग्रिम जमानत को वापिस लेने की गुहार लगाई, इसके बाद अदालत ने याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी।