जेट के उबरने की संभावना खत्म

By: Jun 18th, 2019 12:06 am

नई दिल्ली -नकदी संकट के कारण परिचालन बंद करने वाली विमानन सेवा प्रदाता कंपनी जेट एयरवेज को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाला बैंकों का कंसोर्टियम इन्वसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्टसी कोड के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में ले जाने की तैयारी कर रहा है। मामले को आईबीसी के बाहर सुलझाने के कर्जदाता बैंकों का प्रयास नाकाम होने के कारण यह कदम उठाया जा रहा है। कर्जदाता बैंकों ने एक बयान में कहा कि जेट एयरवेज के भविष्य पर फैसला करने के लिए उसके कर्जदाताओं की सोमवार को एक बैठक हुई। काफी विचार-विमर्श के बाद कर्जदाताओं ने मामले का निपटारा आईबीसी के तहत करने का फैसला किया, क्योंकि कंपनी के लिए केवल एक सशर्त बोली मिली। बयान के मुताबिककि एसबीआई के नेतृत्व वाले कर्जदाता बैंक जेट एयरवेज के लिए आईबीसी के बाहर रेजॉल्यूशन पाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उपरोक्त कारणों से बैंकों को आईबीसी के तहत ही रेजॉल्यूशन का फैसला करना पड़ा है। नकदी संकट के कारण जेट एयरवेज को बीते 17 अप्रैल को अपना परिचालन बंद करना पड़ा। विमानन कंपनी पर 8500 करोड़ रुपए का कर्ज है और इसकी कुल देनदारी 25 हजार करोड़ रुपए है। जेट एयरवेज को खरीदने में दिलचस्पी दिखाने वाले हिंदुजा ग्रुप और एतिहाद ने इस दिशा में आगे कदम नहीं बढ़ाया और न ही कोई औपचारिक प्रस्ताव दिया। इस बीच, जेट के खिलाफ दो कंपनियों ने मुंबई की दिवाला अदालत में याचिका दायर की है, जिस पर 20 जून को सुनवाई होगी।

अब 14 विमानों का बेड़ा

जेट के पास अब मात्र 14 विमान हैं। अन्य विमान कंपनी ने लीज पर लिए थे, लेकिन मंथली रेंटल न भरने के कारण उन्हें लीज पर देने वाली कंपनियों ने डीरजिस्टर कर दिया है। इस संदर्भ में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेट एयरवेज अपने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लिए विमानों के मेंटेनेंस के न्यूनतम मापदंड को पूरा नहीं कर रही थी इसलिए यह कार्रवाई की गई है।


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