जेपी विवि के ओल्ड स्टूडेंट्स का डंका

सोलन—जेपी यूनिवर्सिटी आफ इंफोरमेशन एंड टेक्नोलॉजी वाकनाघाट के पूर्व छात्रों ने एक बार फिर से न केवल देशी बल्कि विदेशी विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में अपना डंका बजाया है। जेपी विवि के पांच पूर्व छात्रों का एक नहीं बल्कि कई संस्थानों में चयन हुआ है। विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर विवि प्रबंधन में खुशी की लहर है। जेपी विवि में 2014-18 तक बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा वेदिका कायस्थ ने अपनी डिग्री पूरी करने के बाद केयू ल्यूवन एंड यूनिवर्सिटी आफ घेंट, बेल्जियम से मास्टर्स इन फूड टेक्नोलॉजी की डिग्री पूरी कर रही हैं। यह यूनिवर्सिटी फूड साइंस व टेक्नोलॉजी में वर्ल्ड की टॉप-20 यूनिवर्सिटी में शुमार है। वेदिका का चयन इटली की यूनिवर्सिटी आफ पैडोवा में एमएस ने बायोटेक्नोलॉजी फार फूड साइंस और बिट्स पिलानी में छात्रवृत्ति के साथ एमई इन बायोटेक्नोलॉजी के लिए हुआ है। बीटेक बायोटेक्नोलॉजी बैच-2017 की पल्लवी राज सिंह आईआईएससी बेंगलुरू से पीएचडी कर रही हैं। पल्लवी राज का चयन यूनिवर्सिटी आफ टयूबिनजैन, जर्मनी, यूनिवर्सिटी आफ ग्रोनइनजैन, नीदरलैंड्स, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर व आईआईटी हैदराबाद के लिए हुआ है। बीटेक इंफोरमैटिक्स बैच 2014-18 की छात्रा मानसी अरोड़ा जोकि मैक्गिल यूनिवर्सिटी, कैनेडा में डा. एमटी कार्तिनेन की लैब में एमएससी एक्सपैरीमेंटर मेडिसिन के थिसीस प्रोग्राम में काम कर रही हैं। मानसी को छह माह के बतौर रिसर्च इंटर्न के रूप में सीएसआईआर-सीसीएमबी हैदराबाद के लिए चयनित किया गया है। जेपी विवि से बीटेक इन बायोइंफोरमेटिक्स करने वाली आरूषि शर्मा क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी आफ लंदन से एमएससी कर रही हैं। वहीं, पीएचडी ्र बायोइंफोरमेटिक्स कर चुके अंकुश बंसल का चयन चिल्ड्रन्स नेशनल हैल्थ सिस्टम यूएसए में पोस्ट डाक्टरल फैलो के रूप में हुआ है। अंकुश ने अपनी पीएचडी जेपी विवि के बायोटेक्नोलॉजी एंड बायोइंफोरमेटिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डा. तीर्थराज सिंह की गाइडेंस में पूरी की है। इसके अलावा विवि के अन्य पूर्व छात्र पारूल रत्न का चयन एमाजोन गुड़गांव के लिए हुआ है।