डयोड़ पहाड़ी में दरारें… खाली करवाए तीन घर

पंडोह—चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे पर डयोड़ के पास कोटरूपी जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पहाड़ी में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और कभी भी पहाड़ी दरक सकती है। इसकी जद में तीन परिवार भी आए हैं। परिवारों के सदस्यों ने जैसे-तैसे गोशाला में रात गुजारी, तो भू-स्खलन प्रभावित स्थल पर जिला प्रशासन सेंसर और फ्लड लाइट्स लगाने जा रहा है, ताकि यहां मौजूद खतरे को भांपा जा सके। ये निर्देश डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बुधवार को खुद मौके पर जाकर दिए। बता दें कि डयोड़ के पास पहाड़ी दकरने का खतरा बना हुआ है और तीन परिवारों के 21 सदस्य घर से बेघर हो गए हैं। 12 और 13 अगस्त, 2017 की रात को मंडी जिला के कोटरूपी में प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भू-स्खलन हुआ था। पहाड़ी का एक बहुत बड़ा भाग कटकर जमींदोज हो गया था और 48 लोगों की जिंदगियों को लील गया था। वैसा ही मंजर अब मंडी जिला के डयोड़ में भी देखने को मिल रहा है। यहां पर भी पहाड़ी में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और पहाड़ी के दरकने से तबाही मचने की आशंका बनी हुई है। फोरलेन निर्माण के लिए की जा रही कटिंग के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। कटिंग के बाद पहाड़ी की पकड़ ढीली हो गई, जिस कारण हल्की बारिश में ही पहाड़ी खिसकने लग गई। वहीं पहाड़ी दरकने के कारण इसके ऊपर रह रहे तीन परिवारों के 21 सदस्य घर से बेघर हो गए हैं। लोगों ने प्रशासन के आदेशों के बाद अपने घरों को खाली कर दिया है और गोशालाओं में शरण ले ली है। गोशाला में एक तरफ  पशु बंधे हैं और दूसरी तरफ इनसान रह रहे हैं। तीन घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और जमीन पर भी चौड़ी दरारें गांव के लोगों को डरा रही हैं। यदि यह मलबा गिरता है तो इन तीन परिवारों के साथ सड़क से नीचे की तरफ  रह रहे लोगों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। प्रभावित गुलजार ने बताया कि उन्हें डर के साए में रातें काटनी पड़ रही हैं। इन्होंने प्रशासन व सरकार से इनके रहने की उचित व्यवस्था करने की गुहार लगाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ एएसपी मंडी पुनीत रघु और एसडीएम सदर सन्नी शर्मा सहित आईआईटी के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। डीसी मंडी ने तीनों परिवारों के पास जाकर उनसे बात की और उनकी स्थिति को जाना। डीसी ने मौके पर सेंसर और फ्लड लाइट्स लगाने के निर्देश दिए। ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि यदि पहाड़ी खिसकने लगेगी तो सेंसर इसकी चेतावनी पहले ही दे देंगे और फ्लड लाइट्स रात के समय निगरानी के लिए काम आएंगी। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को अस्थायी शैड बनाकर दिए जाएंगे, ताकि वे वहां पर सुरक्षित रह सकें। वहीं पुलिस को भी मौके पर 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।

सड़क बंद करना भी मुमकिन नहीं

इस पूरे मामले से इलाके में तो दहशत है ही साथ ही यहां से गुजरने वाले वाहन चालक भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। प्रशासन के लिए सड़क को बंद कर पाना भी संभव नहीं क्योंकि मनाली के लिए यही एक सड़क है, जहां से सारा टूरिस्ट आ-जा रहा है। फिलहाल स्थायी समाधान नजर नहीं आ रहा और प्रशासन के लिए यह एक चुनौती बनता जा रहा है।