तकनीकी बिडिंग में फंसे मेधावियों के लैपटॉप

By: Jun 8th, 2019 12:02 am

 शिमला -प्रदेश में सरकार द्वारा मेधावी छात्रों को दिए जाने वाले लैपटॉप अब तकनीकी बिडिंग में फंस गए हैं। जो कंपनियां लैपटॉप के लिए आगे आई हैं, वे आपस में ही उलझने लगी हैं। बताया जाता है कि ये कंपनियां एक-दूसरे के प्रोडक्ट की खामियां बता रही हैं और अधिकारियोंं पर दवाब बनाने की भी कोशिशें हो रही हैं। लैपटॉप देने के लिए तीन कंपनियों ने बिडिंग में प्रस्ताव दिए थे, जिनमें से एक कंपनी को बाहर कर दिया गया है। टेक्निकल कमेटी ने इस कंपनी को बाहर किया, जिसके बाद दो कंपनियां रह गई हैं। अब बाहर हुई कंपनी दूसरों की खामियां बताकर इसे रद्द करवाने के चक्कर में है। लिहाजा इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन  ने इस पर एनआईसी के विशेषज्ञों की राय मांगी है। वैसे इन विशेषज्ञों से भी चर्चा हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि यदि मामले पर विवाद बढ़ता गया, तो यह टेंडर रद्द हो सकते हैं और फिर दोबारा से टेंडर करवाए जाएंगे। बता दें कि सरकार ने स्कूल और कालेज के 9700 मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने हैं। दो दिन पूर्व इलेक्ट्रॉनिक डिवेलपमेंट कारपोरेशन ने इसके टेंडर खोले हैं। टेक्निकल बिड के लिए तीन कंपनियां आई थीं। बाहर हुई कंपनी ने  लैपटॉप की स्पेसिफिकेशन को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कंपनी ने तर्क दिया है कि जिन दो कंपनियों का चयन हुआ है, उनकी स्पेसिफिकेशन ठीक नहीं है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव बीके अग्रवाल के समक्ष इस मामले को उठाया। मुख्य सचिव ने इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन के निदेशक डीसी नेगी को निर्देश दिए हैं कि वह इस पूरे मामले को देखें। कारपोरेशन का कहना है कि खरीद के लिए तकनीकी कमेटी गठित की गई है, जो इस पूरे मामले को देख रही है। विवाद बढ़ता देख सरकार ने अब राज्य सचिवालय स्थित नेशनल इन्फार्मेशन सेंटर एनआईसी के तकनीकी अधिकारियों से इसकी जांच करवाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में 9700 छात्रों को लैपटॉप मिलने हैं। इसमें 4400 छात्र दसवीं, 4400 प्लस-टू और 900 कालेज के मेधावी छात्रों को लैपटॉप दिए जाने हैं। शिक्षा विभाग ने मेधावी छात्रों की पूरी सूची तैयार कर ली है, जिन्हें ये लैपटॉप दिए जाने हैं। ये लैपटॉप पिछले साल नहीं दिए गए थे, लिहाजा सरकार चाहती है कि अब जल्द से जल्द बच्चों को उनका पुरस्कार दे दिया जाए। शिक्षा विभाग ने जो स्पेसिफिकेशन मांगी है, उसके मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ने टेंडर किया है।  योजना को बंद करना है या जारी रखना है, इस पर एक साल फैसला ही नहीं हो पाया। सरकार ने अपने बजट में इसकी घोषणा नहीं की थी।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App