तड़क-भड़क वाले कपड़े न पहनें टीचर

शिमला —प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छेड़खानी के मामलों को रोकने के लिए अब शिक्षा विभाग शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड तय कर सकता है। वहीं, शिक्षक स्कूलों में मोबाइल का कम प्रयोग करें, इसके लिए भी कड़े नियम लागू किए जा सकते हैं। बता दें कि जिलों से अभिभावकों ने भी ड्रेस कोड तय करने के लिए शिक्षा विभाग पर दबाव बनाया है। अभिभावकों के इसी दबाव व सुझाव के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को साफ कहा है कि वे स्कूलों में डार्क रंग की ड्रेस पहनकर न आएं। इस दौरान मेल शिक्षकों को टाइट टी-शर्ट, व जीन्स से दूरी बनाएं रखने और साथ ही महिला शिक्षकों को फैशन टाइप कपड़े, जिसमें खुली प्लाजों, फ्रॉक सूट, गाउन, डेनी ड्रेस, डेमिन जैकेट व कई तरह के चमक-धमक वाले सूट शामिल हैं, से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक मोबाइल का भी कम प्रयोग करें, इसको लेकर भी जल्द कोई नियम बनाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि शिक्षा निदेशक ने स्कूलों के लिए यह भी एडवाइजरी जारी की है कि कक्षा में जाने से पहले अपने मोबाइल को स्टाफ रूम या फिर प्रधानाचार्य के ऑफिस में जमा करवाया जाए।  विभाग का कहना है कि कालेजों की तरह स्कूल कैंपस में शिक्षकों के मोबाइल पर बैन लगाने को लेकर प्रोपोजल तैयार किया जा रहा है।

मोबाइल इस्तेमाल भी कम करने को कहा

दरअसल सरकारी स्कूलों में छात्राओं के साथ छेड़खानी के बढ़ रहे मामलों को लेकर हैरानी जताई है। इसी के चलते अब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के ड्रेस व मोबाइल फोन को बैन करने का प्लान शिक्षा विभाग ने बनाया है। हालांकि विभाग ने इस तरह के कोई भी आदेश अभी लिखित में जारी नहीं किए हैं। जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग इन दोनों योजना को लेकर जल्द ही प्रोपोजल सरकार को भेजेंगे। शिक्षा विभाग का तर्क है कि कई बार स्कूलों में शिक्षक मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करते हैं। इससे कक्षाओं में बैठे छात्रों पर इसका बुरा असर पड़ता है। शिक्षा विभाग ने इस बारे में स्कूल प्रधानाचार्य व उपनिदेशकों को समय-समय पर स्कूलों में शिक्षकों पर नजर रखने को कहा है।

समझ से परे शिक्षा विभाग के निर्देश

शिक्षा विभाग के इन निर्देशों के बाद शिक्षक संघों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि शिक्षकों विभाग के इस तरह के निर्देश कई सवाल खड़े करते हैं। सी एंड वी शिक्षक संघ के अध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने विभाग से पूछा है कि सज-धज कर स्कूल न आने के पीछे विभाग का क्या अभिप्राय है, इसका जवाब दिया जाए। वहीं, कहा जा रहा है कि एक तरफ ऑनलाइन स्टडी, वहीं दूसरी तरफ मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने के निर्देश शिक्षा विभाग के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकते हैं।