तीन दिन तक बड़ी बहन के घर रहेंगी मां शूलिनी
सोलन—देवभूमि के पारंपरिक एवं प्रसिद्ध मेलों में मां शूलिनी मेले का अपना अलग ही स्थान है। यह राज्य स्तरीय मेला 21 से 23 जून तक सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में बड़े ही हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान मां शूलिनी अपने स्थान से पालकी में शहर की परिक्रमा करने के बाद अपनी बड़ी बहन मां दुर्गा से मिलने पहुंचेगी और तीन दिनों तक लोगों के दर्शनार्थ वहीं विराजमान रहेंगी। मेले का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा हुआ है। मां शूलिनी बघाट रियासत के शासक की कुल देवी मानी जाती है और मां शूलिनी देवी के नाम से ही सोलन का नामकरण हुआ है। बारह घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी। शुरुआत में रियासत की राजधानी जौणाजी हुआ करती थी, उसके बाद कोटी को राजधानी बनाया गया और अंत में इस रियासत की राजधानी सोलन बनी। राजा दुर्गा सिंह इस रियासत के अंतिम शासक थे। रियासत के विभिन्न शासनकाल से ही माता शूलिनी मेला आयोजित किया जा रहा है। मान्यता के अनुसार बघाट के शासक अपनी कुल देवी की प्रसन्नता के लिए प्रतिवर्ष मेले का आयोजन करते थे। लोगों का मानना है कि मां शूलिनी के प्रसन्न होने पर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा व महामारी का प्रकोप नहीं होता है बल्कि खुशहाली आती है और मेले की यह परंपरा आज भी कायम है। मां शूलिनी की अपार कृपा के कारण ही शहर दिन-प्रतिदिन सुख व समृद्धि की ओर से अग्रसर है। पहले यह मेला केवल एक दिन ही मनाया जाता था लेकिन सोलन जिला के अस्तित्व में आने के पश्चात इसकी सांस्कृतिक महत्त्व बनाए रखने, आकर्षक बनाने व पर्यटन दृष्टि से बढ़ावा देने के लिए इसे राज्य स्तरीय मेले का दर्जा प्रदान किया गया। अब यह मेला तीन दिनों तक मनाया जाता ही है।
दुल्हन की तरह सजा शहर
तीन दिवसीय राज्य स्तरीय मेले केलिए शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। शहर के पुराने बस स्टैंड से मालरोड और पुराने उपायुक्त कार्यालय चौक से मेला स्थल ठोडो ग्राउंड को दोनों ओर बिजली की चमचमाती लडियां लगाई गई हैं। इन लाइटों से रात के समय शहर का नजारा देखते ही बनता है। वहीं, मां शूलिनी के दरबार की भी भव्य रूप से सजाया गया है। प्रशासन ने भी अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और मेला स्थल पर लगने वाले स्टालों के लिए भी स्थान चिन्हित कर दिए गए हैं। इसके अलावा शहर में ट्रैफिक व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की लिए पर्याप्त पुलिस बल शहर के कोने-कोने में तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
विक्की चौहान लगाएंगे हिमाचली तड़का
मेले की प्रथम सांस़्कृतिक संध्या में विक्की चौहान हिमाचली तड़का लगाएंगे। इसके अलावा जानी मानी गायिका गीता भारद्वाज भी अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगी।
पारंपरिक वाद्य यंत्रों से निकलेगी शोभायात्रा
मेले के शुभारंभ मां शूलिनी की भव्य शोभायात्रा के साथ होता है। इस शोभायात्रा में मां की पालकी शहर में घुमाया जाता है। इसमें विभिन्न धार्मिक झांकियां भी निकाली जाती हैं। पारंपरिक वाद्य यंत्रों व लोक धुनों के बीच जब माता की पालकी शहर में निकलती है तो दृश्य देखते ही बनता है। शोभायात्रा के संपन्न होने के बाद माता की पालकी को शहर के गंज बाजार स्थित दुर्गा माता मंदिर में लोगों के दर्शानार्थ रखा जाता है। इन तीन दिनों तक माता अपनी बड़ी बहन दुर्गा के घर पर रहती हैं और मेला संपन्न होने पर अपने मंदिर में वापस लौटती हैं।
विस अध्यक्ष राजीव बिंदल होंगे मुख्यातिथि
आज से शुरू हो रहे तीन दिवसीय राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेले का शुभारंभ प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष करेंगे। वह दोपहर दो बजे मां शूलिनी की पूजा-अर्चना कर नकाली जाने वाली शोभायात्रा में शामिल होंगे। इसके अलावा वे तीन-तीन बजे खेलों का शुभारंभ और प्रातः आठ बजे पशु प्रदर्शनी व विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों उद्घाटन भी करेंगे।
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