तीर्थन में रहना पसंद कर रहे टूरिस्ट

By: Jun 30th, 2019 12:05 am

बंजार—होम स्टे योजना के तहत तीर्थन घाटी में इस समय करीब 80 होम स्टे इकाइयां कार्य कर रही हैं, जिनमें 100 के करीब होम स्टे आने वाले समय के लिए तैयार हो रहे हैं। इस समय तीर्थन घाटी के लगभग सभी होम स्टे में एडवांस बुकिंग चली हुई है। मैदानी इलाकों की तपती गर्मी से राहत पाने के लिए काफी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हंै। होम स्टे के माध्यम से यहां के स्थानीय लोगों को आर्थिक रूप से सीधा लाभ मिल रहा है। यहां पर आने वाले अधिकतर पर्यटक होम स्टे में रहना पसंद करते हैं, जिससे यहां के ग्रामीण पर्यटन को खूब बढ़ावा मिल रहा है और लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार देखने को मिल रहा है। यहां रह कर देशी विदेशी मेहमान यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, पुरातन कला संस्कृति, मेलों एवं त्योहारों का खूब आनंद ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त जैविक विविधिता के लिए मशहूर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, प्राचीन मंदिर, किले, घाटियां, नदी-नाले, झरने व झीलें यहां पर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के मीडिया सचिव एवं पर्यटन कारोबारी परस राम भारती का कहना है कि घाटी में ऐसे लोग जो गांव से बाहर कहीं और बस गए हैं और उनका गांव मंे अपना स्वयं का मकान बना हुआ है, वे लोग घरों को होम स्टे में परिवर्तित करके इसके द्वारा अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं । इसे होम स्टे में परिवर्तित करने के लिए कुछ आवश्यक सरकारी नियमों के तहत पर्यटन विभाग में पंजीकृत करवाना पड़ता है। अगर इस कार्य के लिए पैसों की कमी आती हो तो मुख्यमंत्री आजीविका योजना के तहत बेरोजगार युवाओं के लिए बैंक के माध्यम से कोई भी पर्यटन इकाई चलाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिसमें सब्सिडी का भी प्रावधान है। बता दें कि  पर्यटन विभाग द्वारा यहां की दो पंचायतों नोहांडा और कंडिधार को समुदाय आधारित परियोजना के तहत लिया गया है। वहीं तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के प्रधान वरुण भारती का कहना है कि तीर्थन घाटी के लोग होम स्टे योजना तथा प्रशिक्षण से काफी लाभान्वित हो रहे हंै तथा इससे यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।


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