दस साल पुराने कालेजों में ही पीजी क्लासेज

By: Jun 12th, 2019 12:01 am

निजी शिक्षण संस्थानों के लिए नए नियम, लैंड-बिल्डअप एरिया की शर्त भी तय

शिमला – प्रदेश में पोस्ट गे्रजुएट की कक्षाएं शुरू करने की अनुमति उन्हीं निजी कालेजों को मिलेगी, जो 10 साल या इससे अधिक समय से निरंतर काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा किए गए बदलावों में कालेज भवन बनाने के लिए लैंड एरिया और बिल्डअप एरिया की शर्त भी तय कर दी गई है। उच्चतर शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।  ग्रेजुएट और पीजी कोर्सेज आर्ट्स, साइंस, मीडिया, जर्नलिज्म, कॉमर्स, संस्कृत, लॉ सहित बीबीए, बीसीए जैसे प्राइवेट कालेज खोलने पर यह नियम लागू होगा। कालेज चलाने के लिए यूनिवर्सिटी से संबद्धता और यूजीसी से मान्यता लेनी होगी। एंडोमेंट फीस पांच लाख तय की गई है। यदि कालेज ऐसे स्थान में खोला जा रहा है, जिसके 10 किलोमीटर के दायरे में कोई सरकारी और निजी कालेज नहीं है उनके लिए एंडोमेंट फीस तीन लाख रखी गई है। अधिसूचना के अनुसार नए कालेज में एक कोर्स शुरू करने के लिए 2500 वर्ग मीटर जमीन होना अनिवार्य है। जमीन की उपलब्धता होने पर ही विभाग एनओसी जारी करेगा। पहले यह शर्त 3750 वर्ग मीटर की थी, जिसे कम कर दिया गया है। इसमें छूट से राहत मिलेगी। दो कोर्स के लिए 3000 वर्ग मीटर,  तीन कोर्स के लिए 3500 वर्ग मीटर  और इससे अधिक के लिए 3500 वर्ग मीटर से चार हजार वर्ग मीटर जमीन की शर्त तय की गई है। पहले यह शर्त अधिक जमीन की रहती थी। इसके अलावा यदि किसी सोसायटी व ट्रस्ट ने लीज पर जमीन ली है और उस पर वह कालेज चलाना चाहता है तो इसके लिए लीज 30 साल से कम अवधि की नहीं होनी चाहिए। अधिसूचना के अनुसार कालेज के पास कॉमन रूम, सेमिनार रूम जिसमें एलसीडी प्रोजेक्टर लगा हो होना जरूरी है, वहीं एक मल्टी पर्पज हॉल जिसमें बैठने की क्षमता 300 की होनी चाहिए। यदि कोई लॉ कालेज खोलना चाहता है तो इसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया की शर्तों को पूरा करना होगा। इन निजी शिक्षण संस्थानों में क्लास रूम कासाइज भी तय किया गया है।

कम्प्यूटर लैब जरूरी

कालेज के पास कम्प्यूटर लैब होनी चाहिए। लैब में कम से कम 30 कम्प्यूटर होने जरूरी हैं। अन लिमिटेड ब्रॉडबैंड की सुविधा के अलावा कॉलेज प्रशासन के पास लाइब्रेरी होना जरूरी है। यदि नई लाइब्रेरी है तो दो साल के भीतर उन्हें किताबें व जरनल के लिए 70 हजार रुपए खर्च करने होंगे। टीचिंग स्टाफ यूजीसी नियमों के तहत होना जरूरी है।


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