दिल में बसता है हिमाचल
सोलन -कहते हैं भगवान फरिश्तों को हुनर नवाजते हैं, ऐसा ही फरिश्ता डा. सतिंदर सिंह सरताज हैं। अपनी रूहानी आवाज से करोड़ों दिलों पर राज कर रहे सूफियाना सरताज सोलन पहुंचे। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत के दौरान डा. सतिंदर सिंह सरताज ने बताया कि उन्हें हिमाचल से प्यार है। वह शूलिनी मेले में पहली बार प्रस्तुति देने पहुंचे थे, उन्हें शूलिनी आकर काफी अच्छा लग रहा है। उन्हें हिमाचली संस्कृति बेहद पसंद है। हिमाचल उनके दिल में बसता है। यहां आकर उन्हें अपनापन सा महसूस होता है। डा. सतिंदर सिंह सरताज ने बताया कि उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। इसी शौक के कारण आज उन्हें सूफी गानों से प्रसिद्धि मिली है, जो भगवान का आशीर्वाद है। ‘दिव्य हिमाचल’ से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मिट्टी से जुड़े गाने वह इसलिए पसंद करते हैं, क्योंकि अपने मुल्क से प्यार करना उन्हें अच्छा लगता है। उन्होंने सूफी और शास्त्रीय संगीत में उच्च योग्यता पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से प्राप्त की है। शूलिनी मेले की सांस्कृतिक संध्या पर प्रस्तुति के लिए वह जैसे ही मंच पर पहुंचे, पूरे पंडाल में दर्शकों ने सीटियां व तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत साई भजन की। इसके बाद एक के बाद एक बेहतरीन प्रस्तुति से उन्होंने पंडाल में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। डा. सतिंदर सरताज ने कहा कि हिमाचली कलाकार टेलेंट से निपुण हैं। यहां के कलाकार देश-विदेश में अच्छा काम कर रहे हैं, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उनका गाना ‘मासूमियत’ हिमाचल में शूट किया गया है। यहां के कलाकारों ने उसमें काम किया है। सतिंदर सरताज गायक, कवि, संगीतकार व मॉडल हैं। उन्होंने संगीत में सम्मान (ऑनर्स), शास्त्रीय संगीत में पांच साल का डिप्लोमा, सूफी संगीत में एमफिल, पीएचडी सूफी गायन में, सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा फारसी भाषा में हासिल किया है। उनकी पहली फिल्म ‘तेरे कुरबान’ (2009) है। उन्होंने हालीवुड मूवी ‘दि ब्लैक प्रिंस (2017)’ में भी काम किया है। सतिंदर सरताज पंजाब यूनिवर्सिटी के ब्रांड एंबेसेडर हैं।
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