दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम्
-गतांक से आगे…
वेदशक्तिर्वेदमाता वेदविद्याप्रकाशिनी।
योगेश्वरेश्वरी माया महाशक्तिर्महामयी।। 76।।
विश्वांतःस्था वियन्मूर्तिर्भार्गवी सुरसुंदरी।
सुरभिर्नंदिनी विद्या नंदगोपतनूद्भवा।। 77।।
भारती परमानंदा परावरविभेदिका।
सर्वप्रहरणोपेता काम्या कामेश्वरेश्वरी।। 78।।
अनंतानंदविभवा हृल्लेखा कनकप्रभा।
कूष्मांडा धनरत्नाढ्या सुगंधा गंधदायिनी।। 79।।
त्रिविक्रमपदोद्भूता चतुरास्या शिवोदया।
सुदुर्लभा धनाध्यक्षा धन्या पिङ्गललोचना।। 80।।
शांता प्रभास्वरूपा च पङ्कजायतलोचना।
इंद्राक्षी हृदयांतःस्था शिवा माता च सत्क्रिया।। 81।।
गिरिजा च सुगूढा च नित्यपुष्टा निरंतरा।
दुर्गा कात्यायनी चंडी चंद्रिका कांतविग्रहा।। 82।।
हिरण्यवर्णा जगती जगद्यंत्रप्रवर्तिका।
मंदराद्रिनिवासा च शारदा स्वर्णमालिनी।। 83।।
रत्नमाला रत्नगर्भा व्युष्टिर्विश्वप्रमाथिनी।
पद्मानंदा पद्मनिभा नित्यपुष्टा कृतोद्भवा।। 84।।
नारायणी दुष्टशिक्षा सूर्यमाता वृषप्रिया।
महेंद्रभगिनी सत्या सत्यभाषा सुकोमला।। 85।।
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