देवभूमि में काम करना सौभाग्य
हिमाचल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कही मन की बात
शिमला —हिमाचल प्रदेश जैसी देवभूमि में कार्य करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। यह बात मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रामनियन ने उनके सम्मान में हाई कोर्ट में आयोजित रैफरेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वह मद्रास हाई कोर्ट की ओर से हिमाचल के बतौर मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्य करने वाले चौथे मुख्य न्यायाधीश होंगे। प्रदेश के 24वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पाने पर गायत्री मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि गायत्री मंत्र में भी 24 शब्द हैं और गायत्री मंत्र की प्रेरणा से ही ऋषि वाल्मीकि ने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की थी। उन्होंने कहा कि वह भी अपने से पूर्व मुख्य न्यायाधीशों की तरह अपने सह न्यायाधीश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन व स्टाफ के साथ मिलकर हाई कोर्ट व न्याय के लिए पुरजोर कार्य करेंगे। वरिष्ठ न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी ने न्यायाधीश वी रामासुब्रामनियन के प्रदेश हाई कोर्ट में बतौर मुख्य न्यायाधीश कार्यभार संभालने के लिए स्वागत किया। प्रदेश महाधिवक्ता अशोक शर्मा, बार काउंसिल अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल राजेश कुमार, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव जीवन ने भी अपने संबोधन में उनके अहम योगदान का उल्लेख किया। इस अवसर पर तमाम न्यायाधीशों में न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, सुरेश्वर ठाकुर,विवेक सिंह ठाकुर, अजय मोहन गोयल, संदीप शर्मा एसीबी बारोवालिया, अनूप चिटकारा व ज्योत्सना रिवाल दुआ के अलावा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों में डीपी सूद, अरुण गोयल, कुलदीप सिंह, न्यायाधीश वीके शर्मा,सदस्य डीके शर्मा, यायाधीश पीएस राणा, हाई कोर्ट के तैनात न्यायिक अधिकारी व कर्मचारी तथा बार एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे।
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