पर्यटकों को डरा रहे तीर्थस्थल खीरगंगा के जोखिम भरे रास्ते

कुल्लू—तीर्थ स्थल कहलाए जाने वाला खीरगंगा अब पर्यटक स्थल तो बन गया है, लेकिन इस स्थल को जाने वाले रास्ते की सुध लेने वाला कोई नहीं है। मौजूदा दिनों में खीरगंगा में हर दिन जहां एक हजार से लेकर डेढ़ हजार के बीच देशी-विदेशी पर्यटक पहुंच रहे हैं। वहीं, तीर्थ स्थल पर आस्था रखने वाले लोगों की भीड़ भी खूब दिख रही है। काफी संख्या में आस्थावान लोग यहां पहुंच कर तीर्थ स्थल में प्राकृतिक रूप से निकलने वाले गर्मपानी के चश्मे में डुबकी लगाकर सुकून प्राप्त कर रहे हैं। यहां आने वाले लोग किन-किन खतरनाक एवं पगडंडी वाले रास्तों से यहां पहुंच रहे हैं, यह वे ही जान सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए खतरनाक वाले नदी-नालों को पार करना पड़ता है। बता दें कि रूद्रनाग के समीप खीरगंगा को जोड़ने वाले रास्ते पर लोहे का पुल तो बना दिया गया है, लेकिन इसके खीरगंगा की तरफ वाले मुहाना इतना जोखिम भरा है कि यहां पर सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया है। पच्चीस से तीस मीटर दायरा इतना खतरनाक है कि थोडे़ से धक्के पर बड़ी घटना घट सकती है। हालांकि यहां पर स्थानीय पंचायत ने  जाली तो लगाई है, लेकिन वह भी सड़े-गले खंभे से निकल कर जमीन में पड़ी हुई है। यही नहीं रूद्रनाग के पास दोनों पुल के बीचोंबीच भी काफी जोखिम भरा कुछ एरिया है, लेकिन यहां पर भी सुरक्षा की दृष्टि से फैंसिंग का कोई समाधान नहीं किया गया है। खीरगंगा पर्यटकों को काफी पसंद है और दिन में हजार से डेढ़ हजार के बीच पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि आज दिन तक खीरगंगा को पर्यटन की दृष्टि से संवारने के लिए सरकार और प्रशासन के अलावा पर्यटन विभाग ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है। वहीं, रूद्रनाग से लेकर खीरगंगा तक पर्यटन व्यवसायियों ने भी अपना कारोबार तो चमका दिया है, लेकिन रास्ते को दुरुस्त करने की इन्होंने भी कोई विचार नहीं किया है। इस रूट पर कई बार   दुर्घटना भी घटी हैं। दो दिन पहले खीरगंगा घूमने गए प्रेम सिंह, रमेश, खेम चंद, ओम प्रकाश, देवी सिंह, नौमी राम आदि का कहना है कि इस जोखिम भरे रास्ते में सुरक्षा के लिए फैसिंग होनी जरूरी है। रूद्रनाग के पास खतरनाक रास्ता है। जिस तरह से इस एरिया के लिए टूरिस्ट में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में सरकार और प्रशासन को यहां के पर्यटन को विकसित करने के साथ-साथ रास्तों को दुरुस्त करने के साथ जोखिम वाली जगह पर फैसिंग लगानी जरूरी है।