पहली बार इजरायल के पक्ष में डाला वोट
सयुंक्त राष्ट्र में भारत का ऐतिहासिक कदम
फिलिस्तीन के मानवाधिकार संगठन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए हुई वोटिंग
नई दिल्ली – अपने पुराने रुख के उलट जाकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इजरायल के समर्थन में मतदान किया है। यह वोटिंग संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के मानवाधिकार संगठन ‘शहीद’ को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए हुई थी। गत 6 जून को हुई वोटिंग में इजरायल के पक्ष में भारत के अलावा अमरीका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और कनाडा ने मतदान किया। वहीं चीन, रूस, सऊदी अरब, पाकिस्तान सहित कुछ अन्य देशों ने फिलिस्तीन की संस्था के पक्ष में वोट किया। शहीद को संयुक्त राष्ट्र में पर्यवेक्षक का दर्जा देने का प्रस्ताव 28-14 के अनुपात से खारिज हो गया। बहरहाल, यह पहली बार है जब भारत ने दो दशक पुराने सिद्धांत से अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, जबकि अब तक भारत इजरायल और फिलिस्तीन दोनों को अलग और स्वतंत्र देशों के रूप में देखता रहा है। भारत का पूर्व रुख पश्चिम एशिया में शांति लाने की कोशिश के तहत कायम था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में बदली हुई परिस्थितियों में भारत ने इजरायल के पक्ष में वोटिंग करने का फैसला लिया।
शहीद का अनुरोध खारिज करने के लिए शुक्रिया
समर्थन किए जाने पर इजरायल ने भारत का आभार जताया है। भारत में इजरायल की राजदूत माया कदोष ने ट्वीट कर भारत का आभार जताया। उन्होंने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के साथ खड़ा होने और पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल करने के आतंकवादी संगठन शहीद के अनुरोध को खारिज करने के लिए भारत का लाख लाख शुक्रिया। हम एक साथ मिलकर उन आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेंगे जो नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
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