पहली बार 125 रुपए किलो बिक रहा लहसुन

By: Jun 18th, 2019 12:02 am

 सोलन  —हिमाचल का सफेद सोना यानी लहसुन ने रेट के मामले में इस बार इतिहास रच दिया है। लहसुन के रेट ने बीते कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। जानकारी के अनुसार इन दिनों लहसुन रिकार्ड 125 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। अभी तक फल एवं सब्जी मंडी सोलन में 26 हजार क्ंिवटल लहसुन सोलन, शिमला, सिरमौर एवं मंडी इत्यादि जिलों से पहुंच रहा है। इससे किसान तो गदगद हैं ही साथ ही आढ़तियों के भी खूब मौज लगी हुई है।  बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 में पहली दफा 100 रुपए प्रतिकिलो तक लहसुन बिका था, लेकिन यह पहला मौका है, जब लहसुन 125 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है।  बड़ी बात यह है कि जब से लहसुन मार्केट में पहुंचा है एक बार भी रेट नहीं टूटे हैं। प्रतिदिन उछाल के चलते किसानों की आर्थिकी भी काफी मजबूत हुई है। गौर रहे कि गत वर्ष लहसुन के दाम 35 रुपए से आरंभ हुए थे और 65 रुपए प्रतिकिलो सर्वाधिक रेट रहा था, लेकिन इस बार पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त हो गए।  दूसरी ओर इस बार अभी तक विदेशों से लहसुन की कोई डिमांड नहीं आई है। कहा जा रहा है कि जितनी मात्रा में लहसुन पहुंच रहा है, उसकी अधिकतर खपत तमिलनाडु सहित अन्य दक्षिणी राज्यों में हो रही है। दूसरी ओर, यह भी तर्क दिया जा रहा है कि इस बार लहसुन की कली काफी बड़ी है और लहसुन साफ भी है, जिस कारण रेट में लगातार उछाल देखा जा रहा है।  वही, कृषि उपज एवं मंडी समिति, सोलन के सचिव प्रकाश कश्यप ने बताया कि पहली बार लहसुन का रेट 125 रुपए प्रतिकिलो पहुंचा है। किसानों के इस बार लहसुन के बहुत ही बढि़या दाम मिल रहे है। बस अनुरोध यह है कि बिचौलियों को न बेचकर सीधे मंडी में बेचे, ताकि किसान ठगी का शिकार न हो और उनकी मेहनत का उचित दाम मिले। अब तक मंडी में करीब 26 हजार क्विंटल लहसुन पहुंच चुका है।  

हिमाचली लहसुन के ये है फायदें

हिमाचली लहसुन ने पूरे देश में तहलका मचा रखा है। अन्य क्षेत्रों के मुकाबले हिमाचल लहसुन को अधिक गुणकारी माना जाता है।  जानकारों की माने तो प्रदेश में उगाए जाने वाले लहसुन में भरपूर मात्रा में विटामीन-ए के अलावा सल्फर और एलीसिन की मात्रा उपलब्ध है। हाई ब्लड प्रेशर के अतिरिक्त हाई क्लोस्ट्रोल, जुखाम, गले के इंफेक्शन सहित अनेक तरह के रोगों में लाभदायक है।

बिचौलियों पर कसा शिकंजा

इस बार लहसुन के अच्छे रेट को देखते हुए बिचौलियों ने भी खूब चांदी कूटने की कोशिश की,लेकिन कृषि उपज एवं मंडी समिति की टीम के आगे इनकी एक न चली। इस संदर्भ में मंडी समिति की टीम ने एक लाख रुपए के आसपास का जुर्माना भी वसूल किया। इससे बिचौलियों में कुछ हद तक अंकुश भी लगा। मंडी समिति की टीम का दावा है कि यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। समिति ने आम किसानों से भी आग्रह किया है कि अपने उत्पाद को बिचौलियों के हाथों नहीं बल्कि सीधे मंडी में ई-नाम के तहत बेचे, ताकि किसान ठगी के शिकार न हो सके और उनकी मेहनत के पैसे सीधे उनके खातों में चले जाए।


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