पारा पहुंचा 42 पार, गर्मी से मचा हाहाकार

बिलासपुर में भीषण गर्मी बढ़ने से जनजीवन बेहाल; रात में भी नहीं मिल रही राहत, लोग हो रहे परेशान

बिलासपुर -जिला में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो गया है। भीषण गर्मी बढ़ने के साथ ही जनजीवन बेहाल होने लगा है। दिन की गर्मी से अब रात में भी राहत नहीं मिल रही है। रात में भी तापमान सामान्य से ऊपर पहुंच गया है। पिछले चार दिनों से तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सुबह से ही मौसम साफ  होने की वजह से चटख धूप खिलने लगती है। दोपहर में स्थिति और भयंकर हो रही है। छाता लगाने और सूती कपड़े से शरीर ढका होने के बावजूद राहत नहीं मिल रही है। बुधवार को तो तापमान बढ़ने का असर पंखे और कूलर पर भी हुआ। इनकी हवा भी गर्म महसूस हुई। दोपहर के समय गली-मोहल्लों के साथ सड़कों पर भी सन्नाटा होने लगा। शीतल पेय पदार्थों की दुकानों पर अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ नजर आई। बढ़ते तापमान से आम आदमी से लेकर पशु-पक्षी भी बेहाल हो रहे हैं। गर्मी से बचने के लिए लोग शीतल पेय पदार्थों का सहारा ले रहे हैं। एकाएक बढ़ी गर्मी से बच्चे भी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर रहा है, जबकि आने वाले दिनो में तापमान बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। जून महीने के पहले सप्ताह से शुरू हुई गर्मी अब अपने पूरे चरम पर पहुंच चुकी है। दिन के समय गर्मी का असर साफ  देखा जा सकता है। गर्मी से लोग दिन में पसीने में तर-बतर देखे जा सकते हैं। गर्मी से दिन में बाजार और गलियां सुनसान दिखाई देने लगी हैं। गन्ने  इत्यादि के जूस के अलावा अन्य शीतल पेय पदार्थो की तरफ  लोगों का रुझान बढ़ रहा है। इसके अलावा आइसक्रीम का स्वाद भी लोग चख रहे हैं। मौसम विभाग के आने वाले दिनों में मौसम साफ होने की वजह से तापमान में बढ़ोतरी के आसार जताए हैं।

मटकों की मांग भी बढ़ने लगी

21वीं शताब्दी में जहां फ्रिज अपनी पहचान बनाए हुए हैं, वहीं मटकों की मांग आम से लेकर खास वर्ग में आज भी बनी हुई है। गर्मी के बढ़ते ही बाजार में मटकों का अंबार लग गया है। गर्मी में ठंडे पानी से गला तर करने को जहां अमीर लोग फ्रिज को अहमियत देते हैं, वहीं फ्रिज तक न पहुंच पाने वाले लोग मटकों पर निर्भर हैं। हालांकि अमीर वर्ग के लोग भी मटके खरीद रहे हैं।