पिपलू मेले में पहली बार गउओं की मंडी

ऊना के बंगाणा में 12 जून से शुरू होने वाले उत्सव में दिखेगी साहिवाल नस्ल

बंगाणा – बंगाणा उपमंडल में 12 से 14 जून तक तीन दिवसीय जिला स्तरीय पिपलू मेले में गो मंडी लगेगी। प्रदेश भर में पहली बार गो मंडी लगने जा रही है, जिसमें भारतीय मूल साहिवाल नस्ल की 65 गउएं पशुपालकों को वितरित की जाएंगी।  उक्त गउएं पशुपालकों को 25 प्रतिशत सबसिडी पर प्रदान की जाएगी। इसके लिए पशुपालन विभाग ने कुछ किसानों को चयनित भी कर लिया है। मेले में गो मंडी लगाने का उद्देश्य हर घर तक देशी गाय पहुंचाना है। वहीं किसानों की आर्थिकी को सुदृढ करना व आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना है। पिपलू मेला 12,13 व 14 जून को आयोजित किया जा रहा है। मेले के पहले दिन 12 जून को गो मंडी लगाई जाएगी, 13 जून को अन्य पशुओं की मंडी लगेगी। इस दौरान कोई भी व्यक्ति अपने पशुओं को ला सकता है। इस दौरान पशुओं की खरीद-फरोख्त की जाएगी, जिसमें मुर्रा किस्म की भैंसे, मुर्गे, बकरी, भेड़ व अन्य पशुओं की मंडी लगाई जाएगी। बताते चलें कि साहिवाल गाय भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय गाय मानी जाती है, जिसका धार्मिंक ग्रंथों में भी विशेष महत्त्व है। गाय के दूध की पौष्टिकता भी अधिक है, जिसमें सभी पौष्टिक तत्त्व समाहित हैं। पूरे देश में भारतीय मूल की गोवंश की नस्ल कम हो रही थी, जिसे पशुपालन विभाग ने गंभीरता से लिया और कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इन गउओं को हर व्यक्ति पाले, इसके लिए गो मंडी लगाने की पहल की है। इसे विभाग ने तमाम औपचारिक्ताएं पूर्ण करने के बाद अमलीजामा पहना दिया है, जिसके चलते अब 12 जून को पिपलू मेले में विशेष तौर से गो मंडी लगाई जाएगी। इस गो मंडी में पशुपालकों को 25 प्रतिशत सबसिडी का भी प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार की उक्त सराहनीय पहल है। इसे जीरो बजट खेती के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि देशी गाय के गोवर के साथ आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश सरकार की योजना है कि हर घर तक देशी गाय पहुंचे। उन्होंने बातया कि आने वाले समय में देशी गोमूत्र, गो-गोबर से कई दैनिक प्रयोग में लाए जाने वाले उत्पादों के प्रोजेक्ट बनाए जाने की भी योजना है। प्रदेश में अन्य स्थानों पर इसी तर्ज पर गो मंडिया लगाई जाएंगी।