पुस्तक मेले मे छाई नन्ही लेखिका

शिमला —अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले मंे नन्ही लेखिका खूब छाई। रवितन्या कहतीं हैं कि उन्हंे लिखने की प्रेरणा अपनी माता कंचन शर्मा और पिता प्रमोद शर्मा से मिली है। रवितन्या कहती हैं कि महज़ सात वर्ष की आयु मंे लिखना शुरू किया है। रवितन्या संेटबीटस की छात्रा है। वह इक्नोमिक्स और पॉल्टिकल साइंस पढ़ रही है। वह दितीय वर्ष की छात्रा है। वह कहती हैं कि उसकी दो पुस्तकें भी छपी है। लाइफ इज़ ब्यूटी और ब्यूटी ऑफ लाइफ रवितन्या ने पुस्तक लिखी है। जिसमंे उसने अपने अभी तक के जीवन यात्रा पर एक पुस्तक लिखी है। इस मेले मंे उनकी किताबांे का भी स्टॉल लगा है लेकिन वह भी इस पुस्ताकलय मंे घूमते हुए क विताआंे और ओटोबायोग्राफी की पुस्तकांे को पढ़ने के लिए ढूंड रही हैं। पाठ्यक्रम के इलावा उनकी पसंद किसी के जीवन यात्रा पर छपी पुस्तक को पढ़ना ज्यादा पसंद करती हैं। भविष्य मंंे पुस्कालयांे के रूप को और मज़बूत होना चाहिए। जिसमंे खासतौर पर स्कूली बच्चांे की लिखित पुस्तक ांे को भी होना जरूरी है। रवितन्या ने मेले की खूब प्रसंशा की और कहा कि मेरा पुस्तक मेले मंे स्टॉल लगा है लेकिन उन्हंे पुस्तक मेले मंे काफी किताबों की भी खरीददारी की है। वह उन्हंे खूब पसंद आई है। वह कहती हैं कि स्कूलांे मंे भी इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए तो सभी को पुस्तक पढ़ने का मौका दिया जाए। वह कहतीं हैं कि बच्चांे को इंटरनेट की दुनिया से भी बाहर निकलकर किताबें पढ़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए। रवितन्या कहती हैं कि सफल बनने के लिए हमें बचपन से बताया जाता है कि महान लोगों की जीवनी पढ़े। वह महान लोगों की जीवनी, साहित्यकारों की किताबंे पढ़ना बहुत पसंद करती है।