प्रदेश में बनेंगी 11 काऊ सेंक्चूरीज़, जगह भी तय

 शिमला —हिमाचल प्रदेश में सड़कों पर बेसहारा घूम रहे पशुधन को आश्रय देने के लिए राज्य में 11 जगह कऊ सेंक्चूरी बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार ने 11 स्थानों पर इसके लिए जगह ढूंढ ली है, जहां इन पशुओं को आश्रय देने के लिए काम शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार कऊ सेंक्चूरी की शुरुआत सिरमौर जिला के कोटला बड़ोग से होगी, जहां अगस्त में इन पशुओं को रखना शुरू कर दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि सरकार इनके लिए गोशालाओं का निर्माण करे, परंतु यह संभव नहीं हो पाया। वर्तमान सरकार ने अपने चुनाव दृष्टिपत्र में भी इन बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के संबंध में वादा किया था, जिसके मुताबिक यहां कऊ सेंक्चूरी बनाने की बात कही गई थी। यहां पशुपालन विभाग ने 11 स्थान चिन्हित किए हैं, जहां 300 कनाल से ज्यादा जमीन उपलब्ध है और वहां अब इन बेसहारा पशुओं को आश्रय दिया जाएगा। इनके खाने के लिए भी यहां पर पूरी व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश में 47 लाख से ज्यादा पशुधन है, जिसमें से बड़ी संख्या में पशुधन बेसहारा घूम रहा है। इनके आश्रय के लिए कुछ संस्थाएं बेहतरीन काम कर रही हैं, जिनको भी सरकार प्रोत्साहित करेगी और उनकी मदद से आगे काम किया जाएगा।

यहां होगा निर्माण

जिन स्थानों पर आने वाले समय में कऊ सेंक्चूरी बनाई जाएगी, उनमें सिरमौर का कोटला बड़ोग, सोलन का हाडाकुड्डी, ऊना का थानाकलां, हमीरपुर का खैरी, कांगड़ा का कंगैण, डमटाल, कंदरौड़ी, पालमपुर व चंबा में 300 कनाल से ज्यादा जमीन इसके लिए रखी गई है। बिलासपुर में ट्रक ऑपरेटर गोशाला चला रहे हैं, जिनके साथ मिलकर एक बड़ी कऊ सेंक्चूरी चलाने का विचार है।

एसडीएम के साथ ये संभालेंगे जिम्मा

यह कऊ सेंक्चूरी एसडीएम की अध्यक्षता में संचालित की जाएगी। कमेटी में पशुपालन विभाग के वरिष्ठ वेटरिनरी अधिकारी, संबंधित पंचायत प्रधान तथा स्थानीय क्षेत्र की स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

वन मंत्री से चर्चा

कुल्लू में स्वयंसेवी संस्थाओं के सहारे पर यह काम चल रहा है। वहां गर्मियों में पहाड़ों पर इस पशुधन को छोड़ा जाता है और सर्दियों में नीचे लाकर आश्रय दिया जाता है। इस संबंध में वन मंत्री, जो कि मनाली के विधायक भी हैं, से विशेष रूप से चर्चा की गई है, जिसमें सरकार मदद करेगी।