फर्जी निजी स्कूलों पर चलेगा डंडा

हरियाणा में गैर-मान्यताप्राप्त विद्यालयों पर सरकार सख्त, कार्रवाई के दिए आदेश

चंडीगढ़ – सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा महानिदेशालय ने प्रदेशभर में चल रहे गैर मान्यता व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर अपना रूख कड़ा करते हुए अनाधिकृत निजी स्कूलों को बंद कराए जाने के संबंध में सभी जिला शिक्षा व जिला मौलिक अधिकारियों आदेश जारी किए हैं। निदेशालय ने जारी आदेशों में अब तक प्रदेशभर में चल रहे अनाधिकृत निजी स्कूलों को बंद कराकर इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजे जाने के निर्देश दिए हैं, वहीं जिन स्कूलों को अब तक शिक्षा अधिकारी बंद कराकर इसकी रिपोर्ट निदेशालय को उपलब्ध करा चुके हैं, उन विद्यालयों के स्टेट्स के संबंध में भी निदेशालय ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है। अधिकारियों से यह भी पूछा गया है कि जिन स्कूलों को अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में बंद दर्शाया हुआ है, वे स्कूल या अकादमियां धरातल पर बंद हैं या नहीं। अगर बंद कराए जाने के बावजूद भी कोई गैर मान्यता प्राप्त स्कूल व अकादमियां अभिभावकों को धोखा देकर चल रही हैं, तो उनके खिलाफ संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए गए हैं। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार व अन्य द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका के तहत प्रदेशभर में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों व अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को चुनौती दी गई हैं।

हादसा हुआ, तो अधिकारी ही होंगे जिम्मेदार

बृजपाल परमार ने कहा कि उन्होंने सूरत में हुए कोचिंग सेंटर अग्निकांड के बाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, शिक्षा विभाग के चीफ  सेके्रटरी सहित कई उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी थी। जिसमें यह भी हवाला दिया गया था कि प्रदेशभर में अब भी नियम कानून को ठेंगा दिखाकर शिक्षा अकादमियां धड़ल्ले से चल रही हैं, जिनके खिलाफ  विभागीय अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है, बल्कि बंद कराने के नाम पर केवल कागजी औपचारिकताएं पूरी की हैं, अगर कोई सूरत जैसा हादसा इनमें होता है, तो उसके जिम्मेवार भी शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ही होंगे। संगठन इस बच्चों की सुरक्षा के मामले में भी हाई कोर्ट में मामला मजबूती के साथ उठाएगा।