बंगाणा का जांबाज अनंत सफर पर

बंगाणा –बुधवार दोपहर करीब तीन बजे सेना का काफिला जब बंगाणा के सरोह गांव पहुंचा तो चारों ओर चीखोपुकार की आवाज गूंज उठी। सेना में 22 साल तक मातृभूमि की रक्षा कर सेवानिवृत्त हुए शहीद के पिता अशोक कुमार भी अपने लाड़ले को तिरंगे में लिपटा देखकर अपने आंसू नहीं रोक पाए। एक ओर जहां पिता के आंसू बह रहे थे। वहीं, दूसरी ओर माता अनिता जसवाल की आंखें भी अपने लाड़ले को ढूंढ रही हैं। माता अनिता जसवाल भी बेटे को देखकर अपने होश खो बैठीं।  शहीद की पत्नी श्वेता जसवाल भी पति की पार्थिव देह देखकर बेसुध हो गई। बहन सपना जसवाल की आंखें भी अपने भाई को ढूंढ रही थी, लेकिन चारों ओर ढांढस बंधवाने वाले ही दिख रहे थे। इसके अलावा अनिल जसवाल का सात माह का बेटा दिव्यांश जसवाल भी है। सोमवार रात को अनिल जसवाल श्रीनगर में रात करीब तीन बजे शहीद हो गया। इसकी सूचना सेना के अधिकारियों द्वारा अनिल जसवाल के पिता को दी गई। घर में पिता के अलावा किसी अन्य परिवार के सदस्य को इस तरह का पता तक नहीं था कि अनिल जसवाल मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मंगलवार को देररात अनिल जसवाल की पार्थिव देह श्रीनगर से चंडीगढ़ हेलिकाप्टर के माध्यम से पहुंचाई गई। इसके बाद बुधवार को शहीद की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची। कैप्टन अभिनव शर्मा की अगवाई में शहीद के अंतिम संस्कार में सेना के जवानों ने सलामी ली। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। उधर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, उपायुक्त ऊना संदीप कुमार, एसडीएम बंगाणा संजीव कुमार, तहसीलदार शमशेर सिंह ने शहीद के परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक प्रदान किया। वहीं, 20 लाख रुपएकी राशि सरकार की ओर से मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके अलावा शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी के अलावा विशेष सहायता मुहैया करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो भी सहायत होगी वह की जाएगी। पंजाब रेजीमेंट से कैप्टन अभिषेक, सैनिक कल्याण बोर्ड ऊना के उपनिदेशक कैप्टन रघुवीर सिंह, बीडीओ सोनू गोयल, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रामनाथ शर्मा, देवेंद्र भुट्टो, पवन कुमार सहित अन्य ने श्रद्धांजलि अर्पित की।