बदले गए उपायुक्तों को दिखानी होगी परफार्मेंस

By: Jun 2nd, 2019 12:02 am

शिमला —परफार्मेंस के आधार पर बदले जिलाधीशों को फिलहाल उपचुनावों तक लाइफलाइन मिली है। डेढ़ साल पहले जिलों में तैनात किए गए सभी उपायुक्तों की कार्यप्रणाली की उपुचनावों के बाद फिर समीक्षा होगी। इसके चलते सभी उपायुक्तों को नए जिलों में अपने काम से सरकार व जनता को प्रभावित करना होगा। वरना उपचुनावों के बाद उपायुक्तों को अब सीधे शिमला वापसी कर निदेशालय व सचिवालय में सेवाएं देनी पड़ेंगी। इस कारण सरकार ने फिलहाल छह उपायुक्तों की पोस्ट बरकरार रखते हुए सिर्फ जिले बदले हैं। रविवार को जारी हुए तबादला आदेशों में मंडी, किन्नौर, सिरमौर और सोलन को छोड़ कर सभी जिलों के डीसी बदले गए हैं। अहम है कि कांगड़ा और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सभी उपायुक्तों को बदला जरूर गया है, लेकिन उनकी डीसीशिप बरकरार रखी है। इसके तहत सरकार ने सबसे तगड़ा झटका डीसी कांगड़ा संदीप कुमार को ऊना भेजकर दिया है। प्रदेश के सबसे बड़े जिला में असफल रहे संदीप कुमार को अब ऊना सरीखे छोटे जिला में अपनी काबिलियत साबित करनी होगी। इस जिला में तैनात राकेश प्रजापति पर जयराम सरकार ने भरोसा जताया है। राज्य सरकार की रैंकिंग में नंबर वन राकेश प्रजापति को काबिलियत के आधार पर कांगड़ा जिला की कमान सौंपी गई है। डेढ़ साल की सरकार में हमीरपुर जिला का चौथी बार डीसी बदला गया है। संदीप कदम को हटाकर राकेश प्रजापति को हमीरपुर में तैनात किया गया था। कुछ समय बाद इस जिला में रिचा वर्मा को लगाया गया था। अब उन्हें हमीरपुर से अहम कुल्लू जिला में तैनाती दी गई है। सियासी आकलनों के चलते सरकार ने हमीरपुर की कमान अब हरिकेश मीणा को सौंपी है। चंबा जिला में शिक्षा का अनूठा अलख जगाने वाले हरिकेश मीणा के प्रयासों की जबरदस्त सराहना हुई है। इसी कारण उन्हें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के प्रभाव वाले गृह जिला में लगाया गया है। उनके स्थान पर अब चंबा में विवेक भाटिया को भेजा गया है। बिलासपुर में कांग्रेस के निशाने पर रहे विवेक भाटिया ने विकट परिस्थितियों में बेहतर चुनाव  संपन्न करवाए हैं। इसके चलते जयराम सरकार ने उन्हें विद्युत उत्पादन एवं पर्यटन वाले महत्त्वपूर्ण जिला चंबा में भेजा है। चुनाव आयोग की कार्रवाई के चलते शिमला में लैंडिंग करने वाले उपायुक्त राजेश्वर गोयल की सरकार ने डीसीशिप बरकरार रखी है। उन्हें बिलासपुर जिला का जिम्मा दिया गया है। जाहिर है कि भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष इस जिला से हो सकते हैं। इस कारण बिलासपुर में भी प्रशासनिक सूझबूझ वाले अधिकारी को तैनाती दी गई है।

अमित कश्यप पर भरोसा

सरकार ने सबसे बड़ा भरोसा अमित कश्यप पर जताते हुए उन्हें दोबारा डीसी शिमला में तैनाती दी है। ईवीएम स्ट्रांग रूम मामले में चुनाव आयोग ने अमित कश्यप को हटाया था। राज्य सरकार ने उन्हें दोबारा शिमला लगाकर यह साफ संदेश दिया है कि ईवीएम स्ट्रांग रूम मामले में अमित कश्यप बेकसूर थे।

अरसे बाद शिमला वापसी

राज्य सरकार ने सिर्फ दो जिलों कुल्लू तथा लाहुल-स्पीति के उपायुक्तों को हटाया है। कुल्लू में तैनात यूनस की 16 सितंबर, 2016 को वीरभद्र सरकार ने पोस्टिंग की थी। इस कारण उन्हें अढ़ाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर शिमला वापस बुलाया गया है। कुल्लू में बेहतर सेवाएं देने पर उन्हें पर्यटन तथा टीसीपी सरीखे महत्त्वपूर्ण विभागों का दायित्व सौंप कर सरकार ने इनाम भी दिया है। सर्दियों के मौसम में लाहुल-स्पीति में डटे रहे उपायुक्त अश्वनी चौधरी की डेढ़ साल बात शिमला वापसी हुई है।

 


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