बायोमेडिकल वेस्ट का प्रबंधन सीखें और सिखाएं

By: Jun 13th, 2019 12:07 am

हमीरपुर –स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल वेस्ट का प्रबंधन और निस्तारण कैसे करना है, इसके बारे में विभाग अपने मुलाज़िमों के अलावा वहां आने वाले लोगों को भी जागरूक करें। यह कहना है डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा का। बुधवार को हुई जिला स्तरीय बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन समिति की बैठक में उपायुक्त ने बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन नियम-2016 और संशोधित नियम, 2018 के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। हरिकेश मीणा ने कहा कि जिला के तहत राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय (मेडिकल कालेज) हमीरपुर सहित सभी सरकारी व गैर-सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इन नियमों की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभाग एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संस्थान में रंगों के आधार पर बायो मेडिकल वेस्ट को अलग कर उसके निस्तारण का प्रावधान है, जिनमें पीला, लाल, सफेद, नीला तथा हरा शामिल हैं। इन अपशिष्ट को इन्हीं कलर कोड के आधार पर एकत्र व पैक कर कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट अथवा गहराई में गड्ढा खोदकर निस्तारित करने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जिला में स्वास्थ्य उपकंेद्र स्तर तक रंगों के आधार पर डस्टबिन सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इन वेस्ट पदार्थों के निस्तारण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकायों तथा संबद्ध गैर सरकारी संगठनों की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण रहती है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे एक कार्य योजना तैयार करें और तय समयावधि में इसका उचित निस्तारण सुनिश्चित बनाएं। हमीरपुर मेडिकल कालेज से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के उचित प्रबंधन के लिए भी विशेष प्रयास करें। बायो मेडिकल वेस्ट के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अर्चना सोनी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रिंसीपल साइंटिफिक आफिसर डा. टीबी सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. सुनील वर्मा के अतिरिक्त सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी व स्थानीय निकायों व गैर सरकारी संगठन सुरक्षा के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App