बिजली से 200 करोड़ की ज्यादा कमाई

अभी तय नहीं हुआ नया टारगेट, पिछले साल कमाए थे 12050 करोड़ रुपए

शिमला —राज्य सरकार ने पिछले साल हिस्सेदारी की बिजली से 200 करोड़ की अधिक कमाई करते हुए कुल 12050 करोड़ रुपए कमाए हैं। विभिन्न परियोजनाओं से जो बिजली सरकार को मिलती है, उसमें लक्ष्य से अधिक पैसा सरकारी खाते में आ रहा है। हालांकि पिछले साल बिजली का उत्पादन भी उतना अधिक नहीं था, बावजूद इसके सरकार को लक्ष्य से अधिक पैसा हासिल हुआ। बताया जाता है कि पिछले  साल भी लक्ष्य 1050 करोड़ का रखा गया था जिसकी एवज में 1250 करोड़ रुपए की राशि मिली। उम्मीद है कि इस साल प्रदेश सरकार को ऊर्जा क्षेत्र से अधिक पैसा मिलेगा। हालांकि अभी टारगेट तय नहीं किया गया है लेकिन माना जा सकता है कि जिस तरह से बिजली का उत्पादन बढ़ रहा है, उससे हिस्सेदारी की बिजली से कमाई 1300 करोड़ से ऊपर की जाएगी। प्रदेश के ऊर्जा निदेशालय ने उत्तर प्रदेश व दिल्ली से तो पहले ही बिजली के करार कर लिए हैं, जिसमें प्रति यूनिट बिजली का मूल्य भी छह रुपए से ज्यादा मिलेगा। अभी कुछ और राज्यों से भी करार किए जाने हैं। बिजली को लेकर कई राज्यों से डिमांड मिल रही है। फिलहाल ग्रिड से बाजार भाव में बिजली की बिक्री का काम चल रहा है, जिसके साथ अगले कुछ महीनों का करार भी दूसरे राज्यों से होगा। गर्मियों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश, दिल्ली व पंजाब को हिमाचल से बिजली की जरूरत रहती है, इन राज्यों से लगातार डिमांड भी हो रही है। एक तरफ प्रदेश बिजली बोर्ड बैंकिंग आधार पर इन राज्यों को बिजली की आपूर्ति कर रहा है, वहीं राज्य सरकार की हिस्सेदारी की बिजली भी बिक रही है। आने वाले दिनों में यहां पर बिजली का उत्पादन और बढ़ेगा, क्योंकि अभी तक नदियों में भी ग्लेशियर से उतनी मात्रा में पानी नहीं आया है। सत्तर से 75 फीसदी तक उत्पादन हो पा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं व अन्य परियोजनाओं से फिलहाल 500 मेगावाट से ज्यादा की बिजली रोजाना प्रदेश सरकार को हिस्सेदारी में मिल रही है। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने भविष्य का टारगेट बनाया है।

लक्ष्य से आगे निकले

पिछले साल 1050 करोड़ के लक्ष्य से अधिक 1250 करोड़ की कमाई हुई है, जिसे बढ़ाने से ही सरकार का खजाना भी भरेगा। कोल डैम प्रोजेक्ट से भी अधिक बिजली की आपूर्ति होनी शुरू हो गई है, वहीं नाथपा झाखड़ी तथा भाखड़ा से भी आपूर्ति में इजाफा हुआ है।