बिना सजा जेल में काटे छह साल

पिता और बेटी का रिश्ता बहुत अहम होता है। ऐसे में आज हम एक मामला जो आपके लिए लेकर आए हैं वह कुछ ऐसा ही है। जी हां, दरअसल बिलासपुर (छग) में जब एक पिता अपनी बेटी को खुद से विदा करता है तब दोनों तरफ से सिर्फ आंसू ही बहते हैं और आज बिलासपुर केंद्रीय जेल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जी हां, जेल में बंद एक सजायफ्ता कैदी अपनी छह साल की बेटी खुशी (बदला हुआ नाम) से लिपटकर खूब रोया और इसकी वजह भी बेहद खास थी।

दरअसल बुधवार से उसकी बेटी जेल की सलाखों के बजाए बड़े स्कूल के हॉस्टल में रहने जा रही थी। करीब एक माह पहले जेल निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डा. संजय अलंग की नजर महिला कैदियों के साथ बैठी खुशी पर गई थी। उस समय वह उससे वादा करके आए थे कि उसका दाखिला किसी बड़े स्कूल में कराएंगे और बुधवार को कलेक्टर डा. संजय अलंग खुशी को अपनी कार में बैठाकर केंद्रीय जेल से स्कूल तक खुद छोड़ने गए। स्कूल संचालक श्री अशोक अग्रवाल ने कहा है कि खुशी की पढ़ाई और हॉस्टल का खर्चा स्कूल प्रबंधन ही उठाएगा। इस कार्य से कलेक्टर की हर कहीं प्रशंसा हो रही है।

 

यह है सारा मामला

इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक खुशी जब पंद्रह दिन की थी तभी उसकी मां की मौत पीलिया से हो गई थी और पालन पोषण के लिए घर में कोई नहीं था, इस कारण से उसे जेल में ही पिता के पास रहना पड़ रहा था।