बीमार हो, तो हरिपुर अस्पताल मत आना

सरकार और प्रशासन की नाकामियों का उदाहरण देखना है तो आप हरिपुर हास्पिटल चले आइए, जिसका दर्जा कागजों में तो सरकार ने बढ़ा दिया, पर सुविधाएं नहीं दीं। जहां न तो पर्याप्त डाक्टर हैं और न ही स्टाफ। हैरानी तो यह है कि हॉस्पिटल आज भी वर्षों पहले बने पुराने भवन में चल रहा है, वहीं कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास भी गिरने की कगार पर हैं। हॉस्पिटल सिर्फ एक डॉक्टर के सहारे चल रहा है और दुख की बात तो ये है की रविवार के दिन हॉस्पिटल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं होता। रविवार के दिन यहां मरीज एक फार्मासिस्ट के हवाले होते हंै । लोक निर्माण विभाग देहरा के सहायक अभियंता रविंदर शर्मा ने बताया की हॉस्पिटल के नए बनने वाले भवन का टेंडर हो चुका है तथा जल्द ही काम शुरू होगा।