बेघरों को आशियाना देने में नगर परिषद नाकाम

सोलन—नगर परिषद सोलन शहर के बेघरों के लिए एक अदद आशियाना बना पाने में नाकामयाब साबित हो रही है। इसे चाहे नप की कथित लचर कार्यप्रणाली कहें या फिर जमीन की उपलब्धता की कमी, लेकिन दशकों से अपने आशियाने की राह ताक रहे आवासहीनों का इंतजार लंबा ही होता जा रहा हे। नगर परिषद द्वारा 96 आशियानों के निम्राण का दम भरा जा रहा है जो कि उंट के मुंह में जीरा के सम्मान हे। हालांकि इन आशियानों का निर्माण भी आधा अधूरा ही पड़ा है, जिससे लोगों की परेशानियां और अधिक बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि शहर में इंटीग्रेटिड हाऊसिंग स्लम डिवेलपमेंट प्रोग्राम के तहत बेघरों के लिए आवासों का निम्राण किया जाना है। जानकारी के अनुसार आवास योजना के तहत नगर परिषद में करीब 1500 आवासहीन परिवारों ने आवेदन किया है, लेकिन अभी तक 10 फीसदी लोगों को भी आवास सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालांकि हाल में ही चंबाघाट के समीप नगर परिषद द्वारा चंबाघाट के करीब 96 आवास बनाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन वह आवेदनकर्ताओं के लिए नाकाफी है।  चार वर्ष पहले किए गए सर्वे के मुताबिक शहर के स्लम एरिया में करीब 1500 परिवार ऐसे थे, जिनके पास अपना घर बनाने के लिए जमीन नहीं है। सरकारी योजना के तहत इन परिवारों को आवासीय सुविधा प्रदान की जानी है। स्लम एरिया में रह रहे लोगों को पीने का पानी, सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, सीवरेज व्यवस्था, सामुदायिक भवन की भी बेहतर सुविधाएं नहीं है।

40 फीसदी हो चुके हैं तैयार

चंबाघाट में उपलब्ध सरकारी जमीन में 96 आवास बनाए जा रहे हैं। इसके लिए करीब 7 करोड़ 12 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। इसमें तीन करोड़ 25 लाख रुपए केंद्र सरकार से, 36 लाख रुपए राज्य सरकार से ओर तीन करोड़ 50 लाख रुपए नगर परिषद के शामिल हैं। हालांकि इस निर्माण में अभी तक सात करोड़ 24 लाख रुपए खर्च हो चुका है। इन आवासों में से करीब 40 फीसदी तैयार हो चुके हैं, जबकि अन्यों में कार्य चल रहा है।