बेहद जरूरी हुआ, तो ही लगेगा हैंडपंप

By: Jun 9th, 2019 12:01 am

नेताओं की डिमांड पर वापस हो रहे डीओ नोट, अब तक 40 हजार बोर

शिमला – जहां पर पानी के लिए बेहद जरूरी होगा, अब हैंडपंप वही लगेंगे। बेवजह हर जगह अब हैंडपंप नहीं लगेंगे और न ही किसी नेता की डिमांड पर हैंडपंप मंजूर किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि हैंडपंपों पर बेवजह का खर्चा किया गया है, जिससे कोई लाभ नहीं हो रहा। जहां पर हैंडपंप लगाए गए, वहां यूं ही पड़़े हैं और 40 हजार में से मात्र कुछ हजार ही पानी दे पा रहे हैं। ऐसे में इस पर अब आगे खर्चा नहीं किया जाएगा। बता दें कि अलग-अलग क्षेत्रों से लोग अपने नेताओं के माध्यम से हैंडपंप को लेकर डिमांड आईपीएच विभाग को भेजते हैं और इस डिमांड के डीओ नोट आईपीएच मंत्री के पास आते हैं, मगर अब इन्हें बैरंग लौटाया जा रहा है, जिन पर आगे कुछ नहीं किया जा रहा है। क्योंकि सैद्धांतिक रूप से विभाग ने यह निर्णय लिया है कि हैंडपंप नहीं लगेंगे। ऐसे किसी स्थान पर जहां पर पानी की बिल्कुल भी कोई व्यवस्था नहीं हो सकती या फिर वहां कोई साधन ही नहीं है, तो वहां पर हैंडपंप लगाने पर विचार किया जा सकता है। विभाग उन क्षेत्रों का सर्वे करवाएगा, जहां से हैंडपंप के लिए डिमांड आएगी। इस सर्वे में पूरी स्थिति देखी जाएगी, जिसके बाद ही आगे निर्णय होगा। एक हैंडपंप विभाग को साढ़े तीन लाख रुपए तक का पड़ता है और राज्य में करीब 40 हजार हैंडपंप लगा दिए गए हैं। इनमें से कुछ हजार ही बचे हैं, जहां पर पानी आ रहा है। बताया जाता है कि हैंडपंप जमीन के नीचे कितने फुट तक गहरा खोदा जाना चाहिए, इसका सही आकलन नहीं किया गया। कई जगह थोड़ी दूरी पर ही हैंडपंप लगा दिए गए, जबकि पानी जमीन से काफी ज्यादा नीचे थे।

पहले सर्वे किया जाएगा

जिन स्थानों पर हैंडपंप लगाने के लिए प्रस्ताव आएगा, वहां पर सर्वे किया जाएगा और वहां पर किस तरह से लोगों को किसी स्कीम के माध्यम से पानी पहुंचाया जाए, इस पर विचार होगा। वैसे भी भविष्य में ब्रिक्स जैसे कुछ बडे़ प्रोजेक्ट ग्रामीण क्षेत्रों की जलापूर्ति के लिए शुरू किए जाने हैं, जिसमें करोड़ों रुपए से पेयजल योजनाएं तैयार होंगी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App