भयंकर लपटें देख घर-वार छोड़ भागे लोग

त्रिलोकपुर जंगल में मंगलवार रात को भड़की आग, सरकाघाट में ड्राइवर न होने पर हमीरपुर से बुलानी पड़ी फायर ब्रिगेड की गाड़ी

भोरंज -उपमंडल भोरंज का त्रिलोकपुर जंगल मंगलवार देर रात अचानक आग लगने से जल गया। इस कारण करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो गई है। जंगल मंे इतनी आग लगी थी कि कई किलोमीटर दूर से आग की लपटें साफ दिख रही थीं।  आग इतनी भयंकर थी कि चंद मिनटों में ही हवा के साथ पूरे जंगल में फैल गई और रिहायशी इलाके तक पहंुच गई। निकट गांव मैरा, ककरोल, रोपड़ी, जोल, कोहटा व बडैहर इत्यादि इलाकों के लोग पहले घरवार छोड़ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। इसके बाद इकट्ठा होकर आग बुझाने में लग गए, लेकिन आग इतनी भयंकर लगी थी कि हवा के साथ और फैलती जा रही थी। ग्रामीणों ने अग्निशमन केंद्र सरकाघाट में भी आग बुझाने के लिए फोन किया, लेकिन उन्होंने भी असमंजस जताते हुए ड्राइवर न होने की बात कही। मजबूरन हमीपुर अग्निशमन केंद्र में फोन किया गया, जब वहां से गाड़ी आई तब तक ग्रामीण आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे। हमीरपुर से अग्निशमन की गाड़ी आने के बाद ही आग पर काबू पाया जा सका। यहां तक कि जंगल मंे आग लगने से जंगली पशु और पक्षी भी परेशान हंै और उन्हें भी रिहायशी इलाकों में जाकर जान बचानी पड़ रही है। गौर रहे कि त्रिलोकपुर जंगल में सप्ताह बाद फिर आग सुलग गई है। बुधवार सुबह पपलाह में वन विभाग के विश्राम गृह और पंचायतघर पपलाह के पास जंगल मंे भी किसी उपद्रवी ने आग लगा दी, जो हवा चलने के कारण तेजी से फैल रही थी। गनीमत यह रही कि थोड़ी देर में बारिश की फुहारें पड़ गईं, जिससे आग अपने आप बुझ गई, नहीं तो बड़ा नुकसान हो सकता था।  लोगों में यशवंत, सुनील, तिलक, पिंकू, राकेश, इंद्र राम, सतीश शर्मा, पवन, मिर्चु राम, राकेश कुमार, राजेश कुमार, मेहर सिंह, टेक चंद, बलबीर, धर्म चंद, हुक्म चंद, मोनिका, राज कुमार, मनीष कुमार, महेश, लवनीश और सक्षम इत्यादि ने इन आग लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।