मध्यस्थताः सुलभ और सस्ता न्याय

कुल्लू—सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ  ने कहा कि मध्यस्थता एवं सुलह से विवादों के समाधान की सबसे बड़ी खूबसूरती है कि इस व्यवस्था से जहां न्यायालयों में मामलों का दबाव कम होता है, वहीं दोनों पक्षों में सौहार्द और प्रेम भाव कायम रहता है। वह रविवार को अटल सदन कुल्लू के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्त्वावधान में वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र, रैफरल व मध्यस्थता प्रक्रिया विषय पर आयोजित  सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में प्रदेश के सात जिलों के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों तथा मध्यस्थता के लिए प्रशिक्षित अधिवक्ताओं ने भाग लिया। जस्टिस कुरियन जोसेफ  ने कहा कि मध्यस्थता से प्रायः सिविल मामलों का ही निपटारा करने की धारणा है, लेकिन इसके कार्यक्षेत्र को और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को जिला व उपमंडल स्तरों पर कार्यकारी दंडाधिकारियों द्वारा अपनाकर अधिक से अधिक राजस्व तथा अन्य सिविल मामलों का समाधान करने की आवश्यकता है। इससे न्यायालयों में मामलों का दबाव कम होगा और लोगों को सुलभ व सस्ता न्याय घर द्वार के समीप प्राप्त होगा। उन्होेंने कहा कि मध्यस्थता व लोक अदालतों के माध्यम से निपटारे त्वरित व सस्ते होते हैं , जिससे दोनों पक्षों को राहत मिलती है और जीत व हार जैसा किसी प्रकार का वैमनस्य नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि कार्यकारी दंडाधिकारियों को इस संबंध मंे प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए, ताकि मध्यस्थता से विवादों के निपटान के दायरे में और अधिक वृद्धि हो। इससे न्यायालयों का अनावश्यक बोझ कम होगा और न्याय प्राप्त करने वालों की कतार में इंतजार करने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा हालांकि देशभर में मध्यस्थता से निपटान का प्रयास बेहद सफल रहा है और हजारों विवादों का समाधान इसी प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है। इसके लिए न्यायपालिका के पास प्रशिक्षित अधिकारी व अधिवक्ता मौजूद हैं।