मार्केट में उतर रही कच्ची नाशपाती

भुंतर—कीमतों की आपाधापी में जिला कुल्लू के बागबानों ने मार्केट में कच्ची नाशपाती उतारनी आरंभ कर दी है। जिला में रिकार्ड उत्पादन से कीमतों को लेकर घबराए बागबानों ने अजीबोगरीब पैंतरा अपनाया है लेकिन मार्केट में यह बागबानों के साथ व्यापारियों के लिए गले की फांस बनने लगा है। लिहाजा, इसके कारण हिमाचली नाशपाती की साख भी खतरे में पड़ती दिख रही है। स्वाद को लेकर अलग पहचान बनाने वाली कुल्लू की नाशपाती उपभोक्ताओं की विशेष पसंद मानी जाती हैं और इसके कारण इसे ऊंचे दाम भी मार्केट में अकसर मिलते है लेकिन अब बागबान ही इसकी साख को जमीन में धूमिल करने की तैयारी में हंै। जानकारी के अनुसार इस बार जिला में रिकार्ड फसल उत्पादन नाशपाती का हुआ है। ऐसे में बागबान दामों को लेकर चिंतित है। जानकारों के अनुसार सीजन के आरंभ में कारोबारी नाशपाती को ऊंचे दामों में खरीदते हैं। इसकी भनक लगते ही कई बागबानों ने कच्ची और बेस्वाद फसल को ही मार्केट में लाना पड़ रहा है। मार्केट में फसल आने के बाद व्यापारियों को इसे खरीदने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है। जबकि जिन बागबानों की पकी और सही फसल मार्केट में आ रही है उसे 50 से 60 रुपए तक के दाम प्राप्त हो रहे हैं। कारोबारियों ने बागबानों से आग्रह किया है कि इस प्रकार के उत्पाद मार्केट में न लाएं तो बागबानों को अच्छे दाम मिलेंगे। वहीं दि लोअर कुल्लू किसान एवं बागबान संगठन के प्रधान यशपाल ठाकुर, पदाधिकारी हरि सिंह नेगी, सचिव भूप सिंह का कहना है कि कुल्लू की फसलों की अलग पहचान है और बागबानों को इनकी गुणवत्ता बनाए रखनी चाहिए ताकि मार्केट में अच्छे दाम इन्हंे प्राप्त हो सके।