मालदीव की संसद से पाक चीन पर बरसे पीएम मोदी

By: Jun 9th, 2019 12:09 am

माले – मालदीव की संसद में ऐतिहासिक संबोधन के दौरान शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर जहां पाकिस्तान को घेरा, वहीं कर्ज के जाल में फंसाने की चीन की चाल पर भी निशाना साधा। पीएम ने कहा कि आतंकवाद हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि लोग अब भी अच्छा आतंकी और बुरा आतंकी का भेद करने की गलती कर रहे हैं। पीएम ने साफ कहा कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है। वहीं, चीन के मद्देनजर मालदीव को संदेश देते हुए मोदी ने कहा कि हम मित्र हैं और मित्रता में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास साझेदारी लोगों को सशक्त करने के लिए है, उन्हें कमजोर करने, खुद पर निर्भरता बढ़ाने या भावी पीढि़यों पर कर्ज का बोझ लादने के लिए नहीं है। दरअसल, चीन ने मालदीव को भारी कर्ज देकर गहरे संकट में फंसा दिया है। पीएम ने कहा कि आतंकवाद हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है। यह खतरा एक देश या एक क्षेत्र के लिए नहीं, ये खतरा पूरी मानवता के लिए है। उन्होंने कहा कि कोई दिन ऐसा नहीं जाता है जब आतंकवाद कहीं किसी जगह अपना भयानक रूप दिखाकर किसी निर्दोष की जान न लेता हो। उन्होंने कहा कि आतंकियों के न तो अपने बैंक होते हैं, न टकसाल और न ही हथियारों की फैक्टरी फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती है। कहां से पाते हैं ये सब, कौन देता उन्हें ये सुविधाएं? पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि आतंकवाद की स्टेस स्पांसरशिप सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी अच्छा आतंकी और बुरा आतंकी का भेद करने की गलती कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि कृत्रिम मतभेदों में पड़कर हमने बहुत समय गंवा दिया है। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है। आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए सभी मानवतावादी शक्तियों का एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे खरी कसौटी है। पीएम ने कहा कि जिस प्रकार विश्व समुदाय ने जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति विश्व सम्मेलन किए हैं वैसे ही आतंकवाद पर क्यों नहीं हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि मैं विश्व संगठनों से आग्रह करूंगा कि एक समय सीमा के भीतर आतंकवाद पर ग्लोबल कान्फ्रेंस आयोजित करें, ताकि आतंकियों और उनके समर्थक जिन खामियों का फायदा उठाते हैं उन्हें बंद करने पर विचार किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि अगर अब हमने और देर की, तो आज और आने वाली पीढि़यां हमें माफ नहीं करेंगी। मालदीव की पिछली सरकार में पड़ोसी देश की नजदीकी चीन से काफी बढ़ गई थी। बाद में चीन ने भारी-भरकम कर्ज देकर मालदीव को गहरे संकट में फंसा दिया। शनिवार को संबोधन के दौरान पीएम ने मालदीव को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि हम मित्र हैं और मित्रता में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है। यह भरोसा इस विश्वास से आता है कि हम-एक दूसरे की चिंताओं और हितों का ख्याल रखेंगे, जिससे हम दोनों ही और अधिक समृद्ध हों और सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि भारत की विकास साझेदारी लोगों को सशक्त करने के लिए है, उन्हें कमजोर करने के लिए नहीं और न ही हम पर निर्भरता बढ़ाने के लिए है या भावी पीढि़यों पर कर्ज का बोझ डालने के लिए है। मजलिस (मालदीव की संसद) में संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि मालदीव यानी हजार से अधिक द्वीपों की माला, जो हिंद महासागर का ही नहीं पूरी दुनिया का एक नायाब नगीना है।

मालदीव ने दिया सर्वोच्च सम्मान

माले – पड़ोसी देश मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को देश के सबसे बड़े सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से सम्मानित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके आपने मुझे ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को एक नया गौरव दिया है।


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