मिनी सचिवालय की पार्किंग में टपक रहा पानी

धर्मशाला—स्मार्ट सिटी धर्मशाला के मिनी सचिवालय की पार्किंग की छत बरसातों से पूर्व ही टपकने लग गई है। धर्मशाला शहर में पार्किंग की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है, लेकिन इस समस्या से राहत दिलाने वाली पार्किंग स्वयं ही समस्या से ग्रसित हो गई है। करीब छह माह पूर्व बनकर तैयार हुई पार्किंग अभी सुचारू रूप से शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन इस पार्किंग की छत टपकना शुरू हो गई है।॒ ग्राउंड फ्लोर और प्रथम मंजिल पर इस पार्किंग में गाडि़यां लगाने की व्यवस्था की गई है लेकिन अभी तक न तो इस पार्किंग का सुचारू रूप से इस्तेमाल हो पा रहा है और न ही इसे सही मायने में प्रयोग किया जा रहा है। इस भवन के साथ ही बनी डीसी कार्यालय पार्किंग भी बनकर तैयार हो गई है, लेकिन इस पार्किंग की पहली मंजिल पर गाडि़यां पार्क करने के लिए प्रयोग किया जा रहा है जबकि इसकी धरातल मंजिल पर बेसहारा पशुओं का जमाबड़ा लगा रहता है। इसके कारण इस पार्किंग में भी लोग अपने वाहन खड़ा करने से कतराते हैं। धर्मशाला में लाखों रुपए की पार्किंग परिसर तैयार तो कर दिए हैं, लेकिन कहीं न कहीं इनका प्रयोग सुचारू रूप से नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में डीसी कार्यालय में पार्किंग की समस्या जस की तस बनी हुई है। सही मायने में देखा जाए, तो अधिकारियों के वाहन भी इस पार्किंग में खड़ेे किए जा सकते हैं, लेकिन डीसी कार्यालय के बाहर ही वाहन लगने से अव्यवस्था बनी रहती है। मिनी सचिवालय की पार्किंग के प्रथम मंजिल में तो वाहन खड़े किए जा रहे हैं , लेकिन इस भवन की धरातल मंजिल में भी गंदगी ही गंदगी फैली हुई है। इसके कारण अब नशेड़ी ही इस पार्किंग में नशा करने जाते हैं । सांयकाल में मदिरा पान करने वाले लोग भी पार्किंग में बेखौफ शराब व बीयर पीते हैं। इसके॒ चलते कई बार नशेड़ी युवक कचहरी बाजार में गाली गलौज और हंगामा भी करते हैं। इसके चलते कई बार सब्जी बेचने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डीसी पार्किंग में रात के समय बेसहारा जानवर ही होते हैं, जिसके कारण चारों ओर गोबर ही गोबर फैला होता है। इसमें कोई गाड़ी पार्क करता भी है, तो उसकी गाड़ी कई बार स्किड भी होती है। इसके कारण लोग इस जगह गाडि़यां लगाने से किनारा ही करते हैं।