मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार कर रही है सुमन

By: Jun 5th, 2019 2:30 pm

 

मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार कर रही है सुमन

उत्तर प्रदेश में औरैया जिले की सुमन ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ की नायिका से किसी भी मायने में कम नहीं है। शौचालय के प्रति लोगों को जागरूक करने को अपने जीवन का हिस्सा बना चुकी विवाहिता अब तक एक सैकड़ा गांवों में स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनवा चुकी हैं। आयकर अधिकारी की बेटी सुमन ब्याह कर औरैया पहुंची तो उनको ससुराल में सबसे बड़ी कमी शौचालय न होने की मिली। पति से पहला वचन शौचालय बनवाने का लिया। उनकी जिद पर पति ने शौचालय बनवा दिया, इससे सुमन का हौसला बढ़ा। अब वह गांव गांव जाकर लोगों को शौचालय के फायदे गिनवाती हैं और ग्रामीण न सिर्फ उनके तर्को को न सिर्फ गंभीरता से सुनते है बल्कि अमल में लाते है। इस नेक काज के लिए उन्हें कई मौकों पर सम्मानित किया गया है। इनकम टैक्स ऑफिसर आर.बी. तिवारी की बेटी सुमन चतुर्वेदी समाजशास्त्र से परास्नातक हैं। उनका विवाह 2000 में औरैया जिले के अछल्दा ब्लाक के गांव औतों निवासी विजय कुमार के साथ हुआ। विजय भोपाल में एक कंपनी में कार्यरत हैं। सुमन ससुराल आई तो यहां शौचालय नहीं था। सुहागरात में पति ने उनकी फरमाइश पूछी, इस पर सुमन ने शौचालय बनवाने का वचन लिया। पति ने अगले तीन दिन में ही शौचालय बनवाना शुरू कर दिया, इससे सुमन का हौसला बढ़ा। उन्होंने पूरे गांव में शौचालय बनवाने के लिए लोगों को प्रेरित करना शुरू कर दिया। इसके लिए पड़ोस की महिलाओं से भी बात की, तो महिलाओं ने उनकी बात मान ली और अपने पतियों से शौचालय बनवाने का वचन लेने लगी। यह बात प्रशासन को पता चली तो अधिकारियों ने सुमन की नजीर दूसरे गांव में देनी शुरू की, इससे भी उनका हौसला बढ़ा। इसके बाद वह कुछ महिलाओं और बच्चों की टोली लेकर गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने की मुहिम में जुट गईं।सुमन बताती हैं कि ससुराल में शौच के लिए खेत में जाना दुल्हन के लिए सबसे शर्मिंदगी भरा होता है। मायके में शुरू से ही शौचालय प्रयोग करती रहीं, इसी वजह से ससुराल में पहला काम शौचालय बनवाया। वह बताती हैं कि तीन अगस्त 2016 में पहली बार ओडीएफ मिशन से जुड़ी। पहले सब ने मना किया मगर बाद में सब उनके साथ आने लगे। जब सुमन इस अभियान से जुड़ी तो लोग हंसते थे और सुमन का साथ देने वाला कोई नहीं था, इस पर सुमन सुबह उठती और देखती कि कौन खुले में शौच जा रहा है। इसके बाद वह खुले में शौच जाने वालों के नाम दीवार पर लिख देती थीं। उन्होने कहा कि शुरू में कई जगह इसको लेकर झगड़े हुए। आखिर में लोग शर्म के कारण शौचालय बनवाने को तैयार होने लगे। इसके बाद युवाओं की टोली सुमन के साथ हो चली। सुमन के प्रयासों से जिले के अछल्दा व सहार तथा भाग्यनगर ब्लाक के एक सैकड़ा से अधिक गांव पूरी तरह ओडीएफ हुए।

 


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