ये हैं लाल किले के रोचक रहस्य

By: Jun 1st, 2019 12:05 am

लाल किले को नाम इसके रंग के कारण मिला है, पर यह वास्तव में सफेद किला है। पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार के अनुसार इसका कुछ भाग चूने के पत्थर से बना है। जब सफेद पत्थर बंद हो गया तो इमारत को अंग्रेजों द्वारा लाल पत्थर से बनाया गया। नंबर 2, इसकी बड़ी-बड़ी दीवारें हैं जो इसे सुरक्षा प्रदान करती हैं। इन दीवारों को लाल पत्थर से बनाया गया है…

रहस्यों की इस सीरीज में इस बार हम लाल किले से जुड़े कुछ रोचक तथ्य लेकर आए हैं। जब आप दिल्ली घूमने जाएं तो लाल किला जरूर देखते हैं,  सिर्फ  एक हिंदुस्तानी होने के नाते ही नहीं देखते, बल्कि यह अद्भुत कला का एक नमूना है और यह इतिहास को भी अपने अंदर संजोए हुए है। इसलिए विदेशी पर्यटक भी इसकी ओर सहज ही खींचे चले आते हैं। हम सभी लाल किले के बारे में जानते हैं और कभी न कभी एक बार जरूर देखने का अवसर हमें मिला होगा। हम इसके कुछ छुपे हुए रहस्यों के बारे में आज बात करेंगे।

नंबर 1

लाल किले को नाम इसके रंग के कारण मिला है, पर यह वास्तव में सफेद किला है। पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार के अनुसार इसका कुछ भाग चूने के पत्थर से बना है। जब सफेद पत्थर बंद हो गया तो इमारत को अंग्रेजों द्वारा लाल पत्थर से बनाया गया।

नंबर 2

इसकी बड़ी-बड़ी दीवारें हैं जो इसे सुरक्षा प्रदान करती हैं। इन दीवारों को लाल पत्थर से बनाया गया है। इसलिए इसे लाल किला नाम दिया गया है।

नंबर 3

लाल किले का नाम वास्तव में किला-ए-मुबारक है, जो शाहजहां द्वारा राजधानी आगरा से दिल्ली ले जाने के बाद बनवाया गया था।

नंबर 4

10 साल में इसे उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद ने बनाया। 1638 में इसका निर्माण शुरू किया गया और अंत में 1648 में इसे पूरा किया गया।

नंबर 5

कोहिनूर हीरा कभी लाल किले की दीवान-ए-खास में सिंहासन का ताज हुआ करता था, जहां राजा फरियादियों से मिला करते थे।

नंबर 6

लाल किले के दो द्वार हैं, प्रथम दिल्ली गेट और द्वितीय लाहौर गेट। दिल्ली की तरफ खुलने के कारण दिल्ली गेट तथा लाहौर की तरफ  खुलने के कारण लाहौर गेट नाम रखा गया।

नंबर 7

लाल किले का एग्जिट गेट बहुत छोटा है जो मूल रूप से नदी तक आसानी से पहुंच बनाने के लिए था। समय के साथ नदी ने अपना रास्ता बदल लिया, पर गेट का नाम बना रहा।

नंबर 8

यह किला चिडि़या की आंख के आकार का अष्टकोणीय है जो 265 एकड़ में फैला हुआ है। इस किले को देखने के लिए देश-विदेश से हर साल करोड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं। पर्यटन की दृष्टि से इस किले का विशेष महत्त्व है। पर्यटन व्यवसाय को यह किला चार चांद लगाने में पूरी तरह सक्षम है। यह हर वर्ग के पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में सक्षम है। लाल किले से ही अकसर राजकीय समारोहों पर प्रधानमंत्री के संबोधन होते हैं।


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