राष्ट्रीय मुद्दा बना पेंशन बहाली

By: Jun 13th, 2019 12:01 am

पालमपुर – हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की दुर्दशा पर हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि लगातार दो बार चारों की चारों संसदीय सीटें वर्तमान सरकार की झोली में डालने के बाद भी हर वर्ग का कर्मचारी दुखी है। उनकी व्यथा न सरकारें सुनती हैं और न ही कोर्ट। संघर्ष मोर्चा के प्रवीण शर्मा, प्रमुख सलाहकार भारत भूषण, महासचिव अरुण कुमार, महिला विंग प्रदेशाध्यक्ष रीता डोगरा,  जिला शिमला अध्यक्ष तिलक राम, शैलेंद्र सूद व अन्य ने कहा कि कर्मचारियों के हर वर्ग का शोषण हो रहा है। पहले अनुबंध परोसा जाता है, जिसमे उनसे बंधुआ मजदूरों जैसा काम लिया जाता है और बाद में पेंशन तक का हक छीन लिया जाता है। नेता लोग अपने लिए आर्थिक लाभ लेने के लिए किसी कमेटी के गठन की बात नहीं करते, परंतु कर्मचारी जब पेंशन जैसे हकों की मांग करते हैं, तो उन्हें कमेटी बनाने के नाम पर ठगा जाता है। लाखों का यात्रा भत्ता  लेने वाले नेता आज भी कर्मचारियों को 180 रुपए यात्रा भत्ता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2016 से केंद्रीय कर्मी नया पे स्केल ले रहे हैं, परंतु राज्य कर्मियों को नया पे स्केल नहीं दिया गया, जो कि 2016 से लागू हुआ था। जब देश एक है, तो केंद्रीय व राज्य कर्मियों के साथ भेदभाव क्यों। प्रवीण शर्मा ने कहा कि पेंशन बहाली एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है, परंतु भारी बहुमत लेकर बनने वाली सरकार इस मुद्दे पर चुपी साधे बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि भेदभाव की नीति के चलते कोई भी देश तरक्की नहीं कर पाया। इसलिए इस देश के राजनेताओं से विशेष अनुरोध है कि कर्मचारियो की पीड़ा को समझते हुए उन्हें उनके छीने हुए हक वापस किए जाएं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App