रिटायर कर्मियों से रिकवरी बंद

प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने दिए आदेश, प्रार्थियों को सभी लाभ देने का दिया फैसला

मंडी —हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल न्यायिक सदस्य डीके शर्मा की एकल पीठ ने मंडी सर्किट के दौरान सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पक्ष में अपने आदेश जारी किए।  कुल्लू से सेवानिवृत्त हुई फिमेल हैल्थ सुपरवाइजर हेमलता ने अपने वकील टेक चंद शर्मा के माध्यम से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में याचिका दर्ज की थी कि वह 31 मार्च, 2019 को सेवानिवृत्त हुई है। उसे उसके वैध देय भत्ते आदि देने की बजाय उससे रिकवरी की जा रही है, जो गलत है। ट्रिब्यूनल ने उनके पक्ष में आदेश जारी करते हुए विभाग व सरकार को आदेश दिया कि यह रिकवरी बंद की जाए और उन्हें सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले सभी देय शीघ्र जारी किए जाएं। इसी तरह से बग्गी आईपीएच विभाग से रिटायर तकनीशियन राकेश सिंह की याचिका जो उसने अपने वकील टेक चंद शर्मा के माध्यम से दयार की थी, का निपटारा करते हुए हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की एकल बैंच ने आदेश दिए कि उनकी रिकवरी पर रोक लगाई जाए तथा उसके सभी देय जो सेवानिवृत्ति के वक्त बनते हैं, को दिया जाए। एक अन्य आदेश में डीके शर्मा न्यायिक सदस्य की एकल पीठ ने मंडी शहर की संतोष वैद्य जो काफी पहले केंद्रीय मुख्य शिक्षिका के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं, की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उनके सेवाकाल में अनट्रेंड पीरियड को भी शामिल किया जाए और उस आधार पर उसकी वरिष्ठता मानी जाए। संतोष वैद्य ने अपने वकील टेक चंद शर्मा के माध्यम से हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल  में याचिका दायर की थी कि उसका अनट्रेड सेवाकाल भी वरिष्ठता में जोड़ा जाए, जिससे सेवानिवृत्ति से पहले उसने प्राथमिक खंड शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नत होना था। ऐसा न करने से वह केंद्रीय मुख्य शिक्षिका के पद से ही सेवानिवृत हो गईं। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने उसकी याचिका को सही मानते हुए विभाग को आदेश दिया कि संतोष वैद्य के अनट्रेड पीरियड को सेवाकाल में जोड़ कर वरिष्ठता बनाकर उसे प्राथमिक खंड शिक्षा अधिकारी के पद के अनुसार सभी पेंशन लाभ आदि प्रदान किए जाएं। बहरहाल सेवानिवृत्त कर्मियों के मामलों को सही मानते हुए हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की ओर से बड़ी राहत दी गई है।