रेणुकाजी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को चाहिए स्टाफ

श्रीरेणुकाजी—लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने जगह-जगह आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी तो खोल दी है, लेकिन इनमें स्टाफ की तैनाती न होने से ये आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां सफेद हाथी साबित हो रही हैं। रेणुका तीर्थ में स्थापित एकमात्र आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में इन दिनों स्टाफ की भारी कमी है। इस डिस्पेंसरी में पिछले छह महीने से डाक्टर नहीं है, जिससे क्षेत्र के लोगों में स्वास्थ्य आयुर्वेद विभाग के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। यह डिस्पेंसरी जिला सिरमौर की सबसे ज्यादा ओपीडी वाली डिस्पेंसरी है, जिसमें हर रोज औसतन 100 से 125 मरीज अपना इलाज करवाने यहां पहुंचते हैं। आयुर्वेद विभाग ने डिस्पेंसरी में तैनात एकमात्र डाक्टर का एक डेढ़ साल में ही तबादला कर दिया था। इसके बाद यहां किसी भी डाक्टर को नहीं भेजा गया, जबकि डाक्टर को बिना रिलीवर के रिलीव कर दिया गया। इस डिस्पेंसरी में केवल एक फार्मासिस्ट तैनात है। वह भी इन दिनों मेटरनिटी लीव पर चली हुई है। डिस्पेंसरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद भी कई वर्षों से रिक्त पड़ा है। इस डिस्पेंसरी को खुले हुए कोई ज्यादा वर्ष नहीं हुए हैं। यह डिस्पेंसरी लगभग तीन-चार वर्ष पूर्व ही यहां खोली गई थी, जिसके लिए निःशुल्क भवन भी महामंडलेश्वर दयानंद भारती ने तैयार करवा कर दिया है। बावजूद इसके भी विभाग उस संत की भावना का भी कद्र नहीं करता जिसने लोगों की सुविधा के लिए डिस्पेंसरी को दो कमरे बिना किसी रेंट के दिए हैं।  उधर, इस बारे में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. कविता ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस डिस्पेंसरी में अलग-अलग जगह से तीन-तीन दिन का डेपुटेशन डाक्टरों का किया जाएगा, ताकि यह डिस्पेंसरी सुचारू रूप से चल सके।