विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मियों ने बोर्ड के खिलाफ खोला मोर्चा

सोलन —हिमाचल प्रदेश राज्य तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री नेक राम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि विद्युत बोर्ड प्रबंधन वर्ग की 25 अप्रैल 2019 को संघ ने जो 50 मांग सुत्रीय पत्र सौंपा था उस पर विद्युत बोर्ड ने आज तक संघ को बाती नहीं बुलाया है। उसके बाद 24 मई को पुनः एक समरण पत्र इस संदर्भ में बोर्ड को दिया गया, लेकिन उस पर भी बोर्ड कुंभकर्णीय नींद में धारण किए हैं। बोर्ड के इस रवैये को देखते हुए संघ ने 19 जून को एक 20 दिन के समय का नोटिस विद्युत बोर्ड को दिया है, अगर प्रबंधन वर्ग संबंधित ज्वलंत मुद्दों पर बोर्ड के द्वारा निराकरण नहीं करेगा तो प्रबंधन वर्ग के संघर्ष को विगुल बजाएगा, जिसकी रणनीति संघ की पदाधिकारी बैठक में जुलाई के प्रथम सप्ताह में बिलासपुर में होगी। प्रदेश महामंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि विद्युत बोर्ड प्रबंधन में बैठे कुछ अधिकारी सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हैं। उन्होंने बताया कि विद्युत बोर्ड द्वारा हाल ही में मेंटेनेंस वैन के नाम से जो गाडि़यां खरीदी गई हैं वह मेंटेनेंस के नाम से तकनीकी कर्मचारियों के  साथ छलावा है। क्योंकि उन गाडि़यों में न तो सामान रखने और न ही आदमियों के बैठने की जगह है। वह तो अधिकारियों ने अपने निजी हित को ध्यान में रखकर खरीदी है, जो कि मेंटेनेंस वैन में तो आज के आधुनिक टैक्नोलॉजी को अपनाते हुए स्वचलित सीढ़ी से लैस खरीदी जानी चाहिए थी, ताकि तकनिकी कर्मचारियों की कम संख्या के मद्देनजर इसका उपयोग बोर्ड के सही कार्यों के लिए सुविधा हो सके। विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों की आवासीय कालोनियों के भी खस्ताहाल हैं, जबकि अधिकारियों के आवास तो प्रतिवर्ष मरम्मत व सफेदी की जाती है।