शारीरिक गतिविधियां जरूरी
वरुण शर्मा, नूरपुर
एक खेल प्रशिक्षक द्वारा अपने लेखों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में खंड से लेकर राज्य स्तर पर विभिन्न खेल गतिविधियों पर प्रकाश डालने का कार्य किया जा रहा है। बधाई के पात्र हैं यह पूर्व खिलाड़ी और अब प्रशिक्षक भूपिंदर सिंह, जोकि अपनी लेखनी द्वारा प्रदेश के प्रतिभावान खिलाडि़यों की आवाज को बुलंद करने व उनके हौसलों को नई उड़ान देने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसमें संदेह नहीं है कि प्रदेश की सरकार और खेल संस्थान खिलाडि़यों को विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, किंतु फिटनेस के प्रति जो चिंता पूर्व अनुभवी खिलाडि़यों द्वारा जताई जा रही है, उस पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति, जो कि सेमेस्टर आधार पर हो सकती है, खेल के प्रति विद्यार्थियों का रुझान कम कर सकती है। विद्यालयों में ड्रिल एवं व्यायाम को तवज्जो न देना, विद्यार्थियों की शारीरिक और मानसिक रूप से तैयारी में बाधा डाल सकता है। आवश्यकता है हिमाचल प्रदेश के विद्यालयों में नई खेल नीति तैयार करने की, जिसमें खेल गतिविधियों को केवल एक साधारण विषय न मानकर इस पर पूरा ध्यान दिया जाए, ताकि विद्यार्थियों, विशेषकर खिलाडि़यों को खेल गतिविधियों की ओर आकर्षित किया जा सके। विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान तक न समेट कर उन्हें खेल-कूद एवं व्यायाम की शिक्षा, प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाए, ताकि विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को एक साकार रूप दिया जा सके और बिना स्वस्थ प्रजा के देश के भविष्य के उज्ज्वल होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
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