सर्जरी उपकरणों पर प्रशासन की नजर

शिमला —आईजीएमसी मंे सर्जरी के उपकरणांे पर प्रशासन की अब कड़ी नज़र रहेगी। आरथो की सर्जरी के लिए अब आईजीएमसी मंे बेहद कम दामांे के उपकरणांे का इस्तेमाल किया जाएगा।  इसे लेकर आईजीएमसी प्रशासन ने आरथो के उपकरणांे की रेट लिस्ट जारी कर दी है। जिसमंे रीड की हड्डी के फ्रेक्चर के तीन स्क्रू की कीमत पहले जहां 90 हजा़र की रहती थी वहीं अब ये 20 हजा़र की राशि का इस्तेमाल करना होगा। आईजीएमसी ने बड़ी पहल की है जिसमंे आरथो की सर्जरी के लिए उपकरणांे की एक संतुलित दरांे को तय कर दिया है। जिस पर प्रशासन भी अब शिकंजा कसने वाला है। खासतौर पर अब ये चैक किया जाना है कि संबंधित डॉक्टर इस अधिसूचना के तहत कैसे काम कर रहे हैं। फिलहाल आईजीएमसी प्रशासन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट मंे शरीर के विभिन्न भागांे मंे इस्तेमाल होने वाले उपकरणांे क ी दरांे को शामिल किया गया है। गौर हो कि आरथो के उपकरणांे मंे लाखांे की कमीशन के फेर के संदेह को आईजीएमसी ने समाप्त करके अन्य अस्पतालांे के सामने बड़ी पहल की है। विशेषज्ञ मानते हैं कि कई बार संबंधित उपकरण की कीमत इतनी ज्यादा नहीं होती है लेकिन कुछ कंपनियां इसे बेहद ज्यादा कीमतांे की लगा देती है। जिससे मध्यम वर्गीय परिवारांे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आईजीएमसी प्रशासन ने ये साफ किया है कि निर्देशांे क ो सही पालना करते हुए आरथो के उपकरणांे की संतुलित दरांे को जारी किया गया है।

50 केस प्रतिदिन गंभीर अवस्था में

आईजीएमसी की आरथो की ओपीडी प्रदेश के सभी अस्पतालांे मंे से सबसे व्यस्त मानी जाती है। प्रति दिन यहंा पर  लगभग दो सौ से अधिक मरीज़ आरथो मंे रूटीन और लगभग 50 केस काफी गंभीर अवस्था मंे आते हैं। जिसमंे प्रति दिन 50 से अधिक मरीजांे़ को सर्जरी की हिदायत दी जाती है। कई आरथो की सर्जरी काफी संवेदनशील रहती है जिसमंे महंगे उपकरणांे का भी काफी इस्तेमाल देखा जाता है।