सर्वधर्म समभाव है गुरु की नगरी पांवटा साहिब की विशेष पहचान

By: Jun 18th, 2019 12:05 am

पांवटा साहिब—हिमाचल प्रदेश के दक्षिण में यमुना नदी के तट पर स्थित गुरु की सुंदर नगरी पांवटा साहिब की विश्वभर मंे अपनी एक अलग पहचान है। यह पहचान यहां स्थित गुरुद्वारा गुरु श्री गोंबिंद सिंह जी और सर्वधर्म समभाव के कारण मुख्य तौर पर हैं। यहां पर स्थित सिखों के दसवें गुरु दशम पातशाह श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रवास के कारण यहां गुरुद्वारा साहिब विश्व विख्यात है। वहीं सर्वधर्म समभाव के रूप में शहर ने एक मिसाल कायम की हुई है। सभी धर्मों व संप्रदायों एवं संगठनों के लोग मैत्रीभाव से सौहार्दपूर्ण वातावरण को सकारात्मक रूप प्रदान करने में हमेशा सफल रहे हैं। साल भर में यहां पर सभी धर्मों के पर्व व त्योहार बड़े ही सोहार्दपूर्ण तरीके से मनाए जाते हैं। फिर वह चाहे गुरु पर्व हो या जग्गनाथ यात्रा, ईद हो या दिवाली, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हो या क्रिसमस, वाल्मीकि जयंती हो या दुर्गा पूजा या बिहारी समुदाय का छठ पर्व व महाशिवरात्रि पर्व। औद्योगिकीकरण के कारण यहां पर पूरे देशभर से लोग बसे हुए हैं, जिससे साल भर के पर्व के दौरान यहां पर अनेकता मंे एकता की झलक दिखाई पड़ती है। शहर की क्षमता सीमित हो रही है वहीं शहर में विकास जिस रफ्तार से हो रहा है उसमें वैज्ञानिक विकास की काफी आवश्यकता है।


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