सालाना चार लाख आय वाले सवर्णों को आरक्षण

By: Jun 2nd, 2019 12:03 am

प्रदेश मंत्रिमंडल ने दी 10 प्रतिशत राहत, क्लास-वन से लेकर क्लास-फोर तक सरकारी भर्तियों में रिजर्वेशन तुरंत प्रभाव से लागू

शिमला —हिमाचल की जयराम सरकार ने सवर्णों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का नियम लागू कर दिया है। इस आधार पर हिमाचल में अब क्लास-1 से लेकर क्लास-फोर तक सभी प्रकार की नौकरियों के लिए गरीब सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। हिमाचल सरकार में आरक्षण के नियम केंद्र की मोदी सरकार से बिल्कुल अलग होंगे। केंद्र ने इसके लिए आठ लाख की सालाना आमदन निर्धारित की थी। इसके मुकाबले हिमाचल  सरकार ने चार लाख की सीमा निर्धारित की है। इसके अलावा केंद्र ने सभी कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण की सुविधा दी है। इसके विपरीत हिमाचल सरकार ने इस आरक्षण सुविधा से एससी-एसटी व ओबीसी वर्ग को बाहर रखा है। शनिवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इस अहम फैसले पर मुहर लग गई है। इस आधार पर मंत्रिमंडल ने इसके लिए मापदंड भी तय कर दिए हैं। कैबिनेट में हुए फैसले के अनुसार प्रदेश में चार लाख सालाना आमदन वाले सवर्ण परिवारों को ही आरक्षण की सुविधा मिलेगी। लोकसभा चुनावों से पहले मोदी-1 सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर स्वर्णों के लिए नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला लिया था। इसके तुरंत बाद हिमाचल की जयराम सरकार ने प्रदेश में यह सुविधा जारी करने की सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी थी। हालांकि इसकी अधिकारिक मोहर शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में लगी है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल में भी तुरंत प्रभाव से यह आरक्षण नीति लागू होगी।

यह है क्राइटेरिया

नौकरियों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए सालाना इन्कम चार लाख से कम होना जरूरी है। इसके लिए क्रिमिलेयर क्राइटेरिया लागू किया गया है। यानी आय सीमा की पात्रता के बावजूद आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ अन्य शर्तों को भी पूरा करना होगा।

बीपीएल को लाभ

आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के अलावा बीपीएल परिवारों को इस आरक्षण में प्रावधान किया गया है। इसके तहत एससी-एसटी और ओबीसी को इस आरक्षण के लाभ से बाहर रखा गया है। लिहाजा 10 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा रिजर्व कैटेगरी में सिर्फ बीपीएल को ही मिलेगी।

ये रहेंगी शर्तें

चार लाख से कम सालाना आमदन के बावजूद कुछ और शर्तें रखी गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में एक हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि तथा अर्बन में 500 वर्गमीटर से कम लैंड होनी चाहिए। इसके अलावा पात्र व्यक्ति आयकर दाता न हो। उसका 2500 स्क्वेयरमीटर से ज्यादा फ्लैट या रिहायशी मकान नहीं होना चाहिए। इसके अलावा पात्र व्यक्ति सरकारी अथवा अनुबंध आधार पर सरकारी पद पर आसीन न हो।

 


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