सुन लें…सैंज नदी के किनारे न जाएं

सैंज—प्रदेश सरकार की सौ मेगावाट की सैंज जल विद्युत परियोजना में सोमवार से निहारनी स्थित 25 मीटर उंचे बांध में जल भराव शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट की हेडरेस टनल में आई तकनीकी खराबी के चलते प्रदेश पावर निगम ने करीब दो माह पूर्व डैम खाली करवाया था, इस कारण सैंज प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन ठप रहा। सोमवार से पावर निगम ने बांध को भरना शुरू करने का फैसला किया है। लिहाजा अब सैंज प्रोजेक्ट के पावर हाउस में एक बार फिर बिजली की चिंगारियां फूटनी शुरू हो जाएंगी। सैंज परियोजना के उप महाप्रबंधक वीएस रावल ने बताया कि दो माह में प्रोजेक्ट के इंजिनियरों व मजूदरों की जी तोड़ मेहनत के चलते सोमवार से बांध में पानी भरना शुरू किया जा रहा। उन्होंने बताया कि बांध में जल भराव शुरू होते ही सैंज नदी के आसपास बसे गांवों के लोगों को नदी किनारे जाने पर चेतावनी जारी कर रोक लगा दी गई है। प्रोजेक्ट के डैम से कभी भी पानी छोड़ा जा सकता है और कभी बीच बीच में जल स्तर कम भी हो सकता है। अतः लोगों से आग्रह  किया जाता कि नदी किनारे से जरा दूर ही रहे। उपमहाप्रबधक ने बताया कि पानी का भरना षुरू हो गया है इसे देखते हुए निहारनी, जंगला, नियूली,रोपा,करटाह, मातला व सिंउड आदि गांवों के लोगों को नदी किनारे जाने पर रोक लगाई है। उल्लेखनीय है कि मार्च 2019 में प्रोजेक्ट की हेडरेस टनल में आई तकनीकी खरावी के कारण प्रदेश पावर निगम ने परियोजना में शटडाउन लेने का फैसला लिया था। प्रदेश पावर में तैनात इजिनियरों की टीम ने निर्वाध रूस से निर्माण कार्य को अंजाम दिया तथा तकनीकी फाल्ट को ढंूढकर बांध में पानी भरना शुुरू कर दिया है। दीगर रहे कि दो माह में प्रदेश पावर निगम को करोड़ो का नुकसान झेलना पड़ा है। अब जबकि दोबारा उर्जा उत्पादन शुरू किया जा रहा है, तो सैंज हाइडल प्रोजेक्ट उर्जा क्षेत्र में सरकार व जनता के लिए नगीना सावित होगा। बहरहाल प्रदेश पावर निगम ने बांध में जल भराव के साथ ही आम लोगों को चेतावनी जारी की है कि नदी किनारे से जरा दूर ही रहे ।