सैंज प्रोजेक्ट की दरारों से 20 करोड़ लीक

लीकेज से घाटा; प्लग क्रैक होने से विद्युत परियोजना खतरे में, धंस रही जमीन

शिमला —राज्य सरकार के पावर कारपोरेशन की सबसे बड़ी सैंज विद्युत परियोजनाओं में आई दरारों के कारण अब तक 20 करोड़ का घाटा हो चुका है। परियोजना टनल के प्लग में क्रैक आने से इसका निर्माण प्रभावित हुआ है। राज्य सरकार ने इस मामले में जांच के आदेश जारी किए हैं। बताते चलें कि डेढ़ साल पहले निर्मित 100 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट की टनल में भयंकर लीकेज शुरू हो गई थी। इस कारण 800 करोड़ के प्रोजेक्ट का अस्तित्व खतरे की जद में आ गया है। बढ़ रही लीकेज के चलते विद्युत उत्पादन भी पूरी तरह बंद हो गया है। इससे सरकार को प्रतिमाह पांच करोड़ की चपत लग रही है। राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में पावर कारपोरेशन ने स्पष्ट किया है कि सैंज विद्युत परियोजना के एडिट-4 में गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है। इस टनल में पानी के बहाव के लिए स्थापित किए गए आठ मीटर के प्लग में क्रैक आ गया है। एडिट-4 में हो रही लीकेज के कारण निकट भविष्य में परियोजना स्थल भी धंस सकता है। सूत्रों का कहना है कि इस परियोजना में उत्पादन करीब चार माह से पूरी तरह से ठप पड़ा है। इस कारण हिमाचल सरकार को करीब बीस करोड़ का नुकसान हो चुका है। राज्य सरकार के निर्देश पर पावर कारपोरेशन ने टनल की लीकेज को रोकने के उपाय आरंभ किए हैं। हालांकि इसके लिए परियोजना प्रबंधन ने काफी देरी भी कर दी थी। इसके चलते लगातार बढ़ रही लीकेज से परियोजना स्थल में भू-स्खलन तथा बड़े हादसे का खतरा बन गया है। सूचना के अनुसार परियोजना के एडिट-4 में मार्च के दूसरे सप्ताह में लीकेज शुरू हो गई थी। बावजूद इसके परियोजना प्रबंधन ने तुरंत प्रभाव से बचाव व राहत कार्य शुरू नहीं किए। लीकेज को रोकने के लिए मरम्मत कार्य भी आरंभ नहीं किया गया। करीब एक माह के बाद पावर कारपोरेशन के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया।

परियोजना में 2017 में शुरू हुआ था उत्पादन

हिमाचल पावर कारपोरेशन की 100 मेगावाट की सैंज परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। करीब 800 करोड़ की लागत से निर्मित इस परियोजना में वर्ष 2017 में उत्पादन आरंभ हुआ। इससे पावर कारपोरेशन को सालाना पांच करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है। हालांकि परियोजना में आई लीकेज ने अब पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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