स्मार्टफोन ‘कोकीन’ से भी खतरनाक 

डेढ़-दो साल का बच्चा जब मोबाइल पर अंगुलियां चलाता है, तो पेरेंट्स बड़े गर्व से कहते हैं कि देखिए हमारा बच्चा मोबाइल पर कितनी बेहतरी से फीचर अपडेट करता है। पर स्मार्टफोन का नशा ‘कोकीन’ जैसा है। एक बार यह नशा लग गया तो बच्चों की जिद के आगे पेरेंट्स बेबस होकर उन्हें इस नशे की डोज देने को मजबूर हो जाते हैं। शायद इसीलिए दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार बिल गेट्स ने अपने बच्चों को 14 साल की उम्र तक मोबाइल और टैबलेट से दूर रखा। स्टीव जॉब्स खुद एक इंटरव्यू में कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को कभी भी आईपॉड या फिर मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करने दिया। मोबाइल के साइड इफैक्ट्स को लेकर आए शोधों की बात करें तो जो बच्चे किसी भी रूप में स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, वे दूसरे बच्चों की तुलना में देर से बोलना शुरू करते हैं। छह महीने से दो साल तक 900 बच्चों पर किए गए सर्वे में यह चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है। लंदन में एक एजुकेशन कांन्फ्रेंस के दौरान दुनिया की जानी-मानी हार्ले स्ट्रीट क्लीनिक डायरेक्टर मिस मैंडी सैलीगरी ने तो यहां तक कहा कि बच्चों को स्मार्टफोन देना उन्हें एक ग्राम कोकीन देने के बराबर है। उन्होंने चेताया है कि स्नैपचैट और इंस्टाग्राम पर दोस्तों में मैसेज भेजना युवाओं में ड्रग्स और अल्कोहल जैसे नशे की तरह है। उन्होंने कहा कि वह अकसर लोगों से कहती हैं कि जब आप अपने बच्चे को टैबलेट या मोबाइल फोन देते हैं तो वास्तव में आप उन्हें एक बोतल शराब या एक ग्राम कोकीन दे रहे होते हैं।