हलाईला बस का रूट बदलने से लोग परेशान

ठियोग —शिमला से हलाईला के लिए चलने वाली एचआरटीसी की बस का रूट वाया बागड़ा पाल होकर करने के बाद क्षेत्र के कई गांव को के लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय ग्रामवासियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से इस बस को हुल्ली दसाना हलाईला के बजाय बागड़ा पाल होकर चलाया जा रहा है जिस कारण हुल्ली कुफर कनोग जारू चकूना कुफटा आदि गांव के लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  हालांकि निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था अस्थाई तौर पर बनाई गई है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से बस के चालक व परिचालक छुट्टी पर है जिस कारण शिमला महासू बस को कुछ दिन के लिए बंद करना पड़ा है और इसकी जगह पर दोनों क्षेत्रों को कवर करने के लिए वाया बागड़ा पाल होकर बस को चलाया जा रहा है।  इसी क्षेत्र के रहने वाले  उमेश सुमन हीरा सिंह लायकराम पदम सिंह संतराम राजेंद्र मोहनलाल जीतराम यशपाल चौहान प्रताप चौहान के अलावा कई अन्य ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए निगम के अधिकारियों से मांग की है कि शिमला से हलाईला के लिए चलने वाली बस को हुल्ली दसाना हलाईला होकर ही चलाया जाए जिससे कि क्षेत्र के लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।  उन्होंने कहा है कि बस का रूट बदलने के कारण खासतौर से स्कूली बच्चों सरकारी कर्मचारियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जो प्रतिदिन बस में सफर करते हैं।  उमेश सुमन ने कहा कि यह रूट पिछले 25 से 30 सालों से चल रहा है लेकिन इस तरह की व्यवस्था पहली बार की जा रही है जिस कारण क्षेत्र के कई गांवों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  उन्होंने कहा कि वाया बागड़ा पाल होकर बस कुछ चलाने से बाकी गांव के लोगों को यह सफर काफी दूर पड़ जाता है और इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  उन्होंने मांग की है कि शीघ्र ही इस व्यवस्था में सुधार किया जाए और बस को पुराने रूट पर ही चलाया जाए।  उधर जब इस बारे में परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक सुनील सनागया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि करीब एक सप्ताह तक व्यवस्था की गई है क्योंकि स्टाफ की कमी के कारण दोनों रूट पर बसों को भेजना संभव नहीं है।  इसलिए एक दिन छोड़कर बस को चलाने के बजाय यह बीच का रास्ता अपनाया गया है जिससे कि दोनों क्षेत्र सुबह से कवर हो सके।  उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि कुछ दिन तक इस व्यवस्था को बनाने में परिवहन निगम के का सहयोग करें और जैसे ही स्टाफ के कर्मचारी छुट्टियों से वापस आते हैं इस व्यवस्था को पुराने तरीके से ही चलाया जाएगा।