हिमाचल के आठ उद्योगों में बनीं दवाएं सब-स्टैंडर्ड

By: Jun 14th, 2019 12:01 am

बीबीएन – केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के आठ दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गई हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों के 25 दवा उद्योगों में निर्मित  दवाएं भी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतर सकी हैं। जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर बेअसर साबित हुई हैं, उनमें गैस्ट्रिक, दर्द निवारक, बुखार, डायरिया, अलसर, सकं्रमण, हृदय रोग, हाई बीपी, मलेरिया व पेट संक्रमण के उपचार में  इस्तेमाल होने वाली दवाओं सहित मल्टी विटामिन शामिल हैं। इन दवाओं में से पांच का निर्माण बीबीएन स्थित दवा उद्योगों में व तीन का सिरमौर के उद्योगों में हुआ है। बताते चलें कि सीडीएससीओ ने मई माह में देश के अलग-अलग राज्यों से 821 दवाओं के सैंपल जांच के लिए लिए थे, जिनमें से 33 दवाएं अधोमानक पाई गईं, जबकि 788 दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी उतरी हैं। राज्य दवा नियंत्रक ने मई माह के ड्रग अलर्ट में शामिल हिमाचल के आठ दवा उद्योगों को नोटिस जारी करते हुए सबंधित दवाओं का पूरा बैच बाजार से तत्काल उठाने के निर्देश जारी किए हैं, इसके अलावा प्राधिकरण के एनएसक्यू सैल को इन उद्योगों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सोंपैंने को कहा गया है। अलर्ट में हिमाचल के कालाअंब, कालुझिंडा, पावंटा साहिब, नालागढ़, झाड़माजरी व मल्लपुर (बद्दी) स्थित आठ दवा उद्योंगों में निर्मित दवाओं के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के 25 उद्योगों में निर्मित दवाओं के सैंपल फेल होने का खुलासा हुआ है। सनद रहे कि देश भर में परीक्षण के दौरान गुणवत्ता मानकों पर खरा न उतरने वाले दवा उत्पादों के इस्तेमाल से आम जनता को रोकने के मकसद से केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा हर महीने ड्रग अलर्ट जारी किया जाता है।

एक उद्योग की दवा नकली

सीडीएससीओ के मुताबिक जनवरी माह के ड्रग अलर्ट में बद्दी के दबनी स्थित दवा उद्योग की जिस दवा को जांच में सब-स्टैंडर्ड पाया गया था, उसे दिल्ली के ड्रग्ज कंट्रोल डिपार्टमेंट ने नकली पाया है। इस दवा का इस्तेमाल थायराइड के उपचार के लिए किया जाता है। सीडीएससीओे ने इस संबंध में सबंधित पक्षों को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं।


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